और भी ग़म हैं ज़माने में वाक्य
उच्चारण: [ aur bhi gaem hain jaan men ]
उदाहरण वाक्य
- ग़ज़ल की आखिरी लाईने यूँ हैं-लौट जाती है उधर को भी नज़र क्या कीजे अब भी दिलकश है तेरा हुश्न मगर क्या कीजे और भी ग़म हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा रातें और भी हैं वश्ल की रात के सिवा मुझसे पहली-सी मोहब्बत मेरे महबूब न माँग बहुत सुंदर, बहुत रोचक पोस्ट है.
- सच ऐसी पोस्ट सिर्फ और सिर्फ फुर्सत में ही लिखी जा सकती है और फुर्सत सिवा आपके किसी और माई के लाल के पास है क्या? आनंद की ऐसी झड़ी बरस रही है आपकी पोस्ट पढ़ कर की ससुरी थमने का नाम ही नहीं ले रही … अब इतना भी रोचक मत लिखा करो मियां की इंसान फेविकोल की तरह एक ही पोस्ट के चिपक कर रह जाये … और भी पोस्ट्स हैं ब्लॉग पर फुरसतिया के सिवा … (बतर्ज़ “ और भी ग़म हैं ज़माने में.. ”.) नीरज