कन्हैयालाल मुंशी वाक्य
उच्चारण: [ kenhaiyaalaal muneshi ]
उदाहरण वाक्य
- प्रेमचंद के नाम के साथ मुंशी विशेषण जुड़ने का एकमात्र कारण यही है कि ' हंस ' नामक पत्र प्रेमचंद एवं ' कन्हैयालाल मुंशी ' के सह संपादन मे निकलता था।
- लेकिन प्रेमचंद के नाम के साथ मुंशी विशेषण जुड़ने का प्रामाणिक कारण यह है कि ' हंस ' नामक पत्र प्रेमचंद एवं ' कन्हैयालाल मुंशी ' के सह संपादन मे निकलता था।
- अब इतना अच्छा लिखोगे तो पाठक को नई राहें दिखेंगी, उम्मीदें बढ़ेंगी और नहीं पूरी होंगी तो यही कहेगा:) कन्हैयालाल मुंशी जी ने एक उपन्यास लिखा था-तपस्विनी।
- इलाहबाद पहुँचने से पहले उन्होंने कन्हैयालाल मुंशी से इस विषय पर बात करना ज़रूरी समझा, किंतु थोडी देर की ही बातचीत में सज्जाद ज़हीर किस निर्णय पर पहुंचे स्वयं उन्हीं से सुनिए-
- किंतु थोडी देर की ही बात-चीत में सज्जाद ज़हीर किस निर्णय पर पहुंचे स्वयं उन्हीं से सुनिए-“हमें यह स्पष्ट हो गया कि कन्हैयालाल मुंशी का और हमारा दृष्टिकोण मूलतः भिन्न था.
- जिसकी कुछ प्रतियों पर कन्हैयालाल मुंशी का पूरा नाम न छपकर मात्र ‘ मुंशी ' छपा रहता था साथ ही प्रेमचंद का नाम इस प्रकार छपा होता था-मुंशी, प्रेमचंद..
- कन्हैयालाल मुंशी (जन्म-29 दिसंबर, 1887 ; मृत्यु-8 फरवरी, 1971) जिनका पूरा नाम कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी था, का जन्म भड़ोच (गुजरात) उच्च सुशिक्षित भागर्व ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
- जिसकी कुछ प्रतियों पर कन्हैयालाल मुंशी का पूरा नाम न छपकर मात्र ' मुंशी' छपा रहता था साथ ही प्रेमचंद का नाम इस प्रकार छपा होता था-(हंस की प्रतियों पर देखा जा सकता है)।
- जिसकी कुछ प्रतियों पर कन्हैयालाल मुंशी का पूरा नाम न छपकर मात्र ' मुंशी' छपा रहता था साथ ही प्रेमचंद का नाम इस प्रकार छपा होता था-(हंस की प्रतियों पर देखा जा सकता है)।
- दयानन्द सरस्वती और कन्हैयालाल मुंशी जैसे प्रखर हिन्दी समर्थकों की भूमि गुजरात में जब मैंने गुजराती सीखनी चाही तो ऐसा उत्तर सुनने को मिला, ”तमारे सीखवाने शी जरूर छे? बध्धा गुजरात हिन्दी समझता है साहब।“