कर्मण्येवाधिकारस्ते वाक्य
उच्चारण: [ kermenyaadhikaarest ]
उदाहरण वाक्य
- इसीलिए श्रीमद्भगवद्गीतामें समत्वबुद्धियोग से ठीक पहले कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषुकदाचन का सिद्धांत प्रतिपादित किया गया है।
- गीता शास्त्र में दूसरे अध्याय के सर्वाधित चर्चित श्लोक है-कर्मण्येवाधिकारस्ते, मा फलेषु कदाचन।
- गीता में कर्मप्रधान उपदेश-” कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन ” जन-जन की जुबान पर है।
- युवाओं के नाम संदेशः कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन के अनुसार निरन्तर सत्कर्म में लीन रहें।
- गीतामें श्रीभगवान् ने अर्जुनसे यही बात इस प्रकार कही है-कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन ।
- कर्मण्येवाधिकारस्ते … ” और हिंदू भाई लोग अपने ही इस मंत्र के विरुद्ध चले जाते हैं।
- मंत्र-2-कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन्-कर्म करने से ही सफलता प्राप्त होती है।
- इसलिए उसमें पलायनवाद का भाव नहीं, बल्कि श्रीमद्भगवद्गीता के ' कर्मण्येवाधिकारस्ते ' की उत्तेजना है।
- जैसे धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र में यथा सार्मथ्य ‘ कर्मण्येवाधिकारस्ते माफलेषुकदाचन: ' के सिद्धांत को साकार करने को तत्पर हों।
- ऐसे देश में जहां कर्मण्येवाधिकारस्ते जपा जाता हो, वहां रोजाना कर्म से ज्यादा भविष्य को बताना घातक ही होगा।