कल्याण सिंह रावत वाक्य
उच्चारण: [ kelyaan sinh raavet ]
उदाहरण वाक्य
- भगवती ≈ फरांई के मैती बैनोली गांव के ही श्री कल्याण सिंह रावत आज हिमालय क्षेत्र में मैती आन्दोलन चला कर पर्यावरण के संरक्षण व नवदम्पतियों को पर्यावरण के प्रति आकर्षित करने का आन्दोलन चला रहे हैं।
- किन्तु यह दुखद पहलू ही है कि पर्यावरण के नाम पर दिए जाने वाले सरकारी पुरस्कारों से चिपको आन्दोलन की जननी गौरा देवी की भांति कल्याण सिंह रावत जी को भी अभी तक वंचित रखा गया है.
- पर्यावरण संरक्षण के लगातार बढ़ते इस अभियान को अपनी परिकल्पना और संकल्प से जन्म देने वाले कल्याण सिंह रावत ने कभी सोचा भी नहीं था कि उनके प्रेरणा से उत्तराखंड के एक गांव से शुरु हुआ यह अभियान एक विराट और स्वयं स्फूर्त आंदोलन में बदल जाएगा.
- पर्यावरण संरक्षण के लगातार बढ़ते इस अभियान को अपनी परिकल्पना और संकल्प से जन्म देने वाले कल्याण सिंह रावत ने कभी सोचा भी नहीं था कि उनके प्रेरणा से उत्तराखंड के एक गांव से शुरु हुआ यह अभियान एक विराट और स्वयं स्फूर्त आंदोलन में बदल जाएगा।
- मैती आन्दोलन के जन्मदाता कल्याण सिंह रावत जी ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि वर्ष 1994 में चमोली जनपद (उत्तराखण्ड) के ग्वालदम कसबे से शुरू हुआ उनका यह मैती आन्दोलन पूरे उत्तराखण्ड ही नहीं अपितु देश के अनेक राज्यों में लोकप्रिय हो जाएगा.
- पर्यावरण संरक्षण के लगातार बढ़ते इस अभियान को अपनी परिकल्पना और संकल्प से जन्म देने वाले कल्याण सिंह रावत ने कभी सोचा भी नहीं था कि उनके प्रेरणा से उत्तराखंड के एक गांव से शुरु हुआ यह अभियान एक विराट और स्वयं स्फूर्त आंदोलन में बदल जाएगा.
- 17 मार्च को मैती आन्दोलन के प्रणेता कल्याण सिंह रावत के गाँव से प्रारम्भ हुए आन्दोलन में पहले ही दिन अवैध रूप से संचालित की जा रहीं 17 भट्टियाँ महिलाओं द्वारा नष्ट की गईं और उस शराब व उपकरणों को संयुक्त मजिस्ट्रेट कर्णप्रयाग को सौंप कर कार्यवाही की माँग की।
- 17 मार्च को मैती आन्दोलन के प्रणेता कल्याण सिंह रावत के गाँव से प्रारम्भ हुए आन्दोलन में पहले ही दिन अवैध रूप से संचालित की जा रहीं 17 भट्टियाँ महिलाओं द्वारा नष्ट की गईं और उस शराब व उपकरणों को संयुक्त मजिस्ट्रेट कर्णप्रयाग को सौंप कर कार्यवाही की माँग की।
- इससे अधिक तो अकेले दम पर जगत सिंह चौधरी ' जंगली ', विश्वेश्वर दत्त सकलानी, सच्चिदानन्द भारती, कल्याण सिंह रावत ' मैती ' पर्यावरण क्षेत्र में क्रांति लाये है बजाय उनके जो पर्यावरण के नाम पर अपने रिश्तेदारों के बलबूते अख़बारों में छाये रहते हैं और बड़े बड़े पुरस्कार झटकने में कामयाब हो गए........ बहरहा ल....... आपकी रचनात्मकता व निरंतर सक्रियता को नमन!
- पर्यावरण संरक्षण के लगातार बढ़ते इस अभियान को अपनी परिकल्पना और संकल्प से जन्म देने वाले कल्याण सिंह रावत ने कभी सोचा भी नहीं था कि उनके प्रेरणा से उत्तराखंड के एक गांव से शुरु हुआ यह अभियान एक विराट और स्वयं स्फूर्त आंदोलन में बदल जाएगा. मैती की धुन अब तो इसकी व्यापकता इतनी बढ़ गई है कि इसके लिए किसी पर्चे-पोस्टर और बैठक-सभा करने की जरूरत नहीं होती है.