कश्मीर का इतिहास वाक्य
उच्चारण: [ keshemir kaa itihaas ]
उदाहरण वाक्य
- रहा काश्मीर का सवाल तो आप कश्मीर का इतिहास गुरु तेग्बहादुर के समय से लेकर राजा हरिसिंघ और इंदिरा गाँधी द्वारा शेख अब्दुल्ला तक तो ज़रूर पढ़ें.
- ऐसे लोगों को न कश्मीर का इतिहास मालूम है, न भारत की फौजी जरूरतें मालूम हैं, न अंतरराष्ट्रीय हकीकत मालूम है, और न ही इंसानियत मालूम है।
- उनके बडबोलेपन को समझा जा सकता है और उनकी प्रतिबद्धताओं का उत्स भी जांचा परखा व ढूँढा जा सकता है, लेकिन उससे पहले कश्मीर का इतिहास देखना जरूरी है.
- उस ने कश्मीर की असली सूरत नहीं देखी. ' कश्मीर मांगो भून देंगे ' का नारा सुना है, लेकिन न कश्मीर का इतिहास जानता, न भूगोल, न कल, न आज.
- गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने गत 13 अक्टूबर को श्रीनगर में कहा कि ' कश्मीर का इतिहास और भूगोल दोनों अनूठे व अद्वितीय है, इसलिए उसे एक अनूठे या अलग ढंग के समाधान की जरूरत है।
- कश्मीर का इतिहास, कश्मीर का भूगोल, तमिल भाषा, तमिल संस्कृति, ब्राह्मण संस्कृति, जाटों का इतिहास, जाट संस्कृति, मगध का इतिहास, मालवा का इतिहास, राजस्थानी संस्कृति, आदि आदि.
- कल्हण द्वारा बारहवीं सदी में संस्कृत मे लिखा गया कश्मीर का इतिहास राजतरंगिनी ऐतिहासिक विश्लेषण में स्पष्टता और परिपक्वता का प्रदर्शन करता है और भारत में इतिहास लेखन की लंबी परंपरा के ही विकास का संकेत देता है।
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- कल्हन ने कश्मीर का इतिहास महान महाभारत युद्ध के ठीक पहले शुरू किया था और उनके द्वारा उल्लिखित पहले राजा हैं गोनन्द१, जिनके शासन के प्रारम्भिक वर्ष उन्होंने ६५३ कलियुग, पांडवों के सबसे बड़े भाई राजायुधिष्ठिर के राज्याभिषेक की पारंपरिक तिथि, में स्थापित किया।
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