कहकशाँ वाक्य
उच्चारण: [ khekshaan ]
उदाहरण वाक्य
- फरिश्ते इधर-उधर अपने नीलेलिबासपर हरेरी पंख लगाये घूमते, कहकशाँ (आकाश गंगा) का रास्ता मिसकीन अली शाह केकदमों तले से होकर अर्शे-बरीं तक चमकता नजर आता था.
- पर कहकशाँ ग़ज़लों और नज़्मों का वो गुलिस्तां है जिसकी झोली में ऐसे कितने ही फूल हैं जिसकी खुशबू को इस महफिल में फैलाना बेहद जरूरी है।
- धारावाहिक कहकशाँ में ज़ाफरी साहब ने उनके जीवन के इन्ही सालों की व्यथा को दर्शकों तक पहुँचाने के लिए उनकी ग़जल के तीन अशआर का इस्तेमाल किया।
- में तो कतरा हुं झूएबार की तलाशों का मुझे पामाली औ पाबंदगी का खौफ नहीं मुझे भी कौसे कहर ईस कदर पूकारेगा बीस तरहा कहकशाँ में नकशे-पा-ए-नूदरत है
- हर भाषा में इस अद्भुत दूधिया लहर का कोई न कोई नाम है, कहकशाँ, मिल्की वे या गैलेक्सी यानि बरसों से मानव इससे आकर्षित रहा है।
- 1992 में जगजीत सिंह की गजल का एक एलबम आया था कहकशाँ (Kahkashan), उसी के लिये उन्होंने ये गीत (गजल) गाया था लेकिन ये गीत सबसे पहले मो.
- बुझा-बुझा-सा है अब चाँद आरज़ूओं का है माँद-माँद मुरादों की कहकशाँ यारो! उफ़क़ पे डूबते सूरज के खूँ की लाली है ठहर गये हैं ख़लाओं के क़ारवाँ यारो!
- इसकी जानकारी देते हुए बज्म ए कहकशाँ के सेक्रटरी जफ़र कासमी ने बताया कि संस्थापको में एक मशहूर शायर फैज साहब इस बैठक में विशेश रूप से शामिल हो रहे है।
- झुकता हूँ कभी रेगे-रवाँ की जानिब, उड़ता हूँ कभी कहकशाँ की जानिब, मुझ में दो दिल हैं, इक मायल-ब-ज़मीं, और एक का रुख़ है आस्माँ की जानिब।
- जगजीत जी की पहली बरसी के अवसर पर इस चिट्ठे पर अगले कुछ हफ्तों में आप सुनेंगे इस महान ग़ज़ल गायक के धारावाहिक कहकशाँ से चुनी कुछ पसंदीदा ग़ज़लें और नज़्में