कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी वाक्य
उच्चारण: [ kaaretik kerisen cheturedshi ]
उदाहरण वाक्य
- मान्यता है कि कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के दिन प्रातःकाल तेल लगाकर अपामार्ग (चिचड़ी) की पत्तियाँ जल में डालकर स्नान करने से नरक से मुक्ति मिलती है।
- धर्मग्रंथों का संकेत है कि पापों से निवृत्ति तथा नरक न जाने के उद्देश्य से कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के प्रदोषकालमें चार बत्तियों वाले दीपक का दान करें।
- मान्यता है कि कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के दिन प्रातःकाल तेल लगाकर अपामार्ग (चिचड़ी) की पत्तियाँ जल में डालकर स्नान करने से नरक से मुक्ति मिलती है।
- इसके पीछे प्रमुख एवं मूलभूत कारण यह है कि दीपावली अर्थात कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के पश्चात अमावस्या की प्रातः स्वाति नक्षत्र उदित होने पर भगवान महावीर ने निर्वाण प्राप्त किया।
- यद्यपि यह भी प्रसंग है कि कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी मंगलवार, स्वाति नक्षत्र मेष लग्न में स्वयं भगवान शिवजी ने अंजना के गर्भ से अवतार लिया है जिन्हें हनुमानजी कहते हैं।
- दीपावली के पांच दिवसीय त्योहार के दूसरे दिन शनिवार को कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को रूप चतुर्दशी व छोटी दीछोटी दीपावली होने के कारण घरों की देहरी पावली के रूप में मनाया गया।
- कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी (धनत्रयोदशी / धनतेरस), कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी (नरकचतुर्दशी), अमावस्या (लक्ष्मीपूजन) व कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा (बलिप्रतिपदा) ये चार दिन दीपावली मनाई जाती है ।
- इसके अतिरिक्त द्वापर युग में कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के दिन भग्वान कृष्ण द्वारा नरकासुर का वध करके उसके बन्दीगृह से १६००० राजकन्याओं का उद्धार करने पर मथुरावासियों ने अमावस्या पर अपनी प्रसन्नता दीप जला कर प्रकट की।
- कृष्ण भक्तिधारा के लोगों का मत है कि कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी यानी नरक चतुर्दशी के दिन भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी राजा नरकासुर का वध किया था और उसके बन्दीगृह से अनेकों राजाओं और 16000 राज कन्याओं का उद्धार किया था।
- जब करीब 72 वर्षों की आयु में पावा सठियांव फाजिलनगर, उत्तर प्रदेष में कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को वे काल कलवित हुए, तब पावा-कुशीनगर के नौ मल्लों, वैशाली के नौ लिच्छवियों और काशी-कोसला के 18 गणराज्यों ने दीपोत्सव की व्यवस्था की थी।