काशी प्रसाद जायसवाल वाक्य
उच्चारण: [ kaashi persaad jaayesvaal ]
उदाहरण वाक्य
- गतवर्ष यहां के भ्रमण-दर्शन पर आए पटना के काशी प्रसाद जायसवाल शोध संस्थान के निदेशक डाॅ. विजय कुमार चैधरी ने इसे व्यापक संभावनाओं वाले पुरास्थल के रूप में रेखांकित किया।
- नामवर सिंह काशी हिंदू विद्यालय में इतिहास पढ़ने गए थे पर जब उन्हें पता लगा कि विश्वविख्यात इतिहासकार काशी प्रसाद जायसवाल पटना चले गए हैं तब उन्होंने हिंदी में प्रवेश लिया.
- डॉ. काशी प्रसाद जायसवाल और कविराज श्यामदास के अनुसार रहस्य पद का प्राकृत रुप रहस्सो बनता है, जिसका कालान्तर में उच्चारण भेद से बिगड़ता हुआ रुपान्तर रासो बन गया है।
- भागलपुर के सार्वजनिक मंच से जब उन्होंने पहली बार ‘ हिमालय कविता सुनायी तो लोगों ने स्वागत किया और उस दिन से डॉ काशी प्रसाद जायसवाल दिनकर की विलक्षण प्रतिभा के कायल हो गये थे।
- काशी प्रसाद जायसवाल शोध संस्थान के निदेशक विजय कुमार चौधरी कहते हैं, ' हाल के वर्षों में बुद्ध के प्रति चीन, कंबोडिया, नेपाल, जापान तथा अन्य देशों का आकर्षण बढ़ा है.
- काशी प्रसाद जायसवाल शोध संस्थान, पटना के निदेशक डाॅ. विजय कुमार चैधरी का मानना है कि बिहार प्रदेश के उत्तर मुगलकालीन देवालय में नेपाली मंदिर अपनी बनावट व युग्म मूर्तियों के लिए देश-विदेश में प्रसिद्ध है।
- वट पीपल ' में श्री काशी प्रसाद जायसवाल, राहुल सांकृत्यायन, बालकृष्ण शर्मा ‘ नवीन ', सुमित्राानंदन पंत, मराठी साहित्य के मामा बरेकर, नृत्यांगना रुक्मिणी देवी तथा पोलैण्ड के राष्ट्रकवि अदम मित्स के संस्मरण एवं साक्षात्कार हैं।
- काशीप्रसाद जायसवाल की 132 वीं जयंती पर आयोजित किया गया था जिसमें कोलकाता नगरनिगम की डिप्टी मेयर फरजाना बेगम, पार्षद राम प्रकाश गुप्ता, पत्रकार विश्वंभर नेवर, राज मिठौलिया तथा काशी प्रसाद जायसवाल समेत कई गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया।
- बिहार में हिन्दी के साहित्यकार है परन्तु किसी ने यह नही बताया है कि क्यों कभी प्रशंसित रहे हिन्दी साहित्य सम्मेलन, राष्ट्रभाषा परिषद और काशी प्रसाद जायसवाल शोध संस्थान चर्चा में नहीं रह गए है तथा अनुग्रह नारायण सिन्हा शोध संस्थान बारात घर बन कर रहा गया है।
- बिहार में हिन्दी के साहित्यकार है परन्तु किसी ने यह नही बताया है कि क्यों कभी प्रशंसित रहे हिन्दी साहित्य सम्मेलन, राष्ट्रभाषा परिषद और काशी प्रसाद जायसवाल शोध संस्थान चर्चा में नहीं रह गए है तथा अनुग्रह नारायण सिन्हा शोध संस्थान बारात घर बन कर रहा गया है।