कुआरी वाक्य
उच्चारण: [ kuaari ]
उदाहरण वाक्य
- लोक मांडने के लिये राष्ट्र्पति द्वारा पुरस्कार प्राप्त श्रीमती कृष्णा वर्मा के अनुसार संजा शब्द संध्या का ही एक लोक रूप है कुआरी कन्याएं इसे मंगलदायी देवी के रूप में अपने कौमार्य की सुरक्षा और मन के अनुकूल वर की प्राप्ति की इच्छा से मनाती है।
- किसी भी माँ-बाप के लिए अपनी कुआरी बेटी को किसी मर्द के साथ ऐसे पोजीसन मे देखना मानसिक संतुलन खोने का कारण होना स्वभाविक है | सजा देते समय जज साहेबान को इस मानवीय पहलू पर ध्यान देना उचित रहेगा अन्यथा कोई अपनी एकलौती बेटी की हत्या क्यों करेगा |
- गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस में लिखा है-अब अनि कोउ माखै भट मानी, वीर विहीन मही मैं जानी तजहु आस निज-निज गृह जाहू, लिखा न विधि वैदेही बिबाहू सुकृतु जाई जौ पुन पहिहरऊँ, कुउँरि कुआरी रहउ का करऊँ जो तनतेऊँ बिनु भट भुविभाई, तौ पनु करि होतेऊँ न हँसाई
- पूर्णिमा को टोकरियों में बोये गये दानो से उत्पन्न पौधा रूपी भोजली को महिलायें कतारबद्ध होकर मूडी में बोह कर (सिर में रख कर) गांव के समीप स्थित नदी, नाले या तालाब में बहाने ले जाती हैं जिसे भोजली सरोना या ठंडा करना कहते हैं, इस संपूर्ण यात्रा में भोजली सिर पर रखी कुआरी लडकियां एवं नवविवाहिता नये नये वस्त्र पहने हुए भोजली गीत गाती हैं साथ ही मांदर व मजीरें की संगत भी आजकल होने लगी है ।
- पूर्णिमा को टोकरियों में बोये गये दानो से उत् पन् न पौधा रूपी भोजली को महिलायें कतारबद्ध होकर मूडी में बो ह कर (सिर में रख कर) गांव के समीप स्थित नदी, नाले या तालाब में बहाने ले जाती हैं जिसे भोजली सरोना या ठंडा करना कहते हैं, इस संपूर्ण यात्रा में भोजली सिर पर रखी कुआरी लडकियां एवं नवविवाहिता नये नये वस् त्र पहने हुए भोजली गीत गाती हैं साथ ही मांदर व मजीरें की संगत भी आजकल होने लगी है ।