कुन्दकुन्द वाक्य
उच्चारण: [ kunedkuned ]
उदाहरण वाक्य
- जिस प्रकार भगवान महावीर, गौतम गणधर और जैनधर्म मंगलरूप हैं, उसी प्रकार कुन्दकुन्द आचार्य भी।
- कुछ यहाँ वहाँ की कुछ लम्हे दिल के... कुछ शब्द कुन्दकुन्द कहान के.सी.वर्मा ''कमलेश''
- जैन दर्शन के विकास का आरम्भ यों तो आचार्य कुन्दकुन्द * से उपलब्ध होने लगता है।
- कुन्दकुन्द * के ग्रन्थों में भी ज्ञानमीमांसा की ही चर्चा है, प्रमाण मीमांसा की नहीं।
- जिस प्रकार भगवान महावीर, गौतम गणधर और जैनधर्म मंगलरूप हैं, उसी प्रकार कुन्दकुन्द आचार्य भी।
- र्मोस्तु मंगलं ॥ जिस प्रकार भगवान महावीर, गौतम गणधर और जैनधर्म मंगलरूप हैं, उसी प्रकार कुन्दकुन्द आचार्य भी।
- कुन्दकुन्द ने कर्मविमुक्त आत्मा को परमात्मा बतलाते हुए उसे ज्ञानी, परमेष्ठी, सर्वज्ञ, विष्णु, चतुर्मुख और बुद्ध कहा है।
- इन नौ पदार्थों का प्रतिपादन आचार्य कुन्दकुन्द के पंचास्तिकाय (गाथा 108) में सर्वप्रथम दृष्टिगोचर होता है।
- * इन नौ पदार्थों का प्रतिपादन आचार्य कुन्दकुन्द के पंचास्तिकाय (गाथा 108) में सर्वप्रथम दृष्टिगोचर होता है।
- आचार्य कुन्दकुन्द के शास्त्र को आचार्य कुन्दकुन्द की मनोभूमिका में उत्तर कर ही अच्छी तरह समझा जा सकता है।