कुवेंपु वाक्य
उच्चारण: [ kuvenepu ]
उदाहरण वाक्य
- मुलिय तिम्मप्पया का “नाडोजपंप”, शि.शि. बसवनाल का “प्रभुलिंगलीले”, कुंदणगार का “हरिहर देव”, महादेवियकक, आर.सी. हिरेमठ का “महाकविराघवांक”, के.वी. राघवाचार का “यशोधरचरित”, ए.आर. कृष्णशास्त्री का “संस्कृत नाटकगलु”, “टी.एन. श्रीकंठय्या का ”भारतीय काव्यमीमांसे, और “काव्यसमीक्षे”, कुवेंपु के “साहित्यविहार” तथा “तपोनंदन”, “विभूतिपूजे”,बेंद्रे का “साहित्यसंशोधने”, गोविंद पै का “कन्नड साहित्यद प्राचीनते”, बेटगेरि का “कर्नाटक दर्शन”, आर.एस. पंचमुखी का “हरिदास साहित्य”, डॉ. कर्कि का “छंदोविकास”, डी.एल. नरसिंहाचार द्वारा संपादित “शब्दमणिदर्पण”, आर. एस.मुगळि का “कन्नड साहित्यचरित्र” आदि ग्रंथ ऐसे महत्वपूर्ण हैं जिनके अध्ययन से कन्नड भाषा एवं साहित्य की व्यापकता तथा गहराई पर स्पष्ट प्रकाश पड़ता है।