कोसी परियोजना वाक्य
उच्चारण: [ kosi periyojenaa ]
उदाहरण वाक्य
- नेपाल तब बहुत कुछ करने की हालत में नहीं था और दोनों के बीच विश्वास इतने गहरे थे कि एक बार कोसी परियोजना तय हो गई तो फिर केवल औपचारिकता के लिए संधि की गई।
- नेपाल और अधोसंरचना क्षेत्र की एक प्रमुख भारतीय कंपनी जीएमआर के संयुक्त उपक्रम वाली जल विद्युत परियोजना का काम रुकवाने के बाद अब नेपाली माओवादी पार्टी सप्त कोसी परियोजना के लिए हुए समझौते का विरोध कर रही है।
- किन्तु कोसी परियोजना के दुष्प्रयोग ने व्यापक आक्रोश, प्रतिवाद, प्रतिरोध और आंदोलन/अभियान को 1955-56 में ही जन्म दिया जिसकी दृढ़ता के कारण पश्चिमी तटबंध के जमालपुर क्षेत्र और पूर्वी तटबंध के सुपौल एवं नौहट्टा क्षेत्र में व्यापक आंदोलन हुआ।
- रिपोर्ट के अनुसार, चूंकि नेपाल में एक महत्वपूर्ण परियोजना पर काम चल रहा था इस वजह से स्थानीय प्रशासन और जल संसाधन विभाग को कोसी परियोजना के इलाकों की सुरक्षा और परियोजना के सुचारू निष्पादन के लिए समय-समय पर बैठकें करनी चाहिए थीं।
- ठीक इसी तरह “ कोसी परियोजना ” या फिर “ बाढ़ नियंत्रण विभाग ”, “ जल-संसाधन विभाग ” आदि से जुड़े “ सरकारी ” लोगों के लिए “ सावन-भादों ” का अपना महत्व है और उससे उत्पन्न सुख से उनका साल भर बिना “
- ठीक इसी तरह कोसी परियोजना (या फिर बाढ़ नियंत्रण विभाग, जल-संसाधन विभाग या फिर और कुछ) से जुड़े “ सरकारी ” लोगों के लिए “ सावन-भादों ” का अपना महत्व है और उससे उपजे सुख से उनका साल भर बिना “ नियमित वेतन ” को छुए, बड़े मज़े से गुज़ारा चलता है।
- यह भी जानकारी मिली है कोसी परियोजना के एक सहायक अभियंता दुखी यादव वीरपुर स्थित अपने कार्यालय में बैठ कर कनीय अभियंता और लेखापाल के साथ मापी पुस्तिका एवं अन्य अभिलेखों में हेराफेरी करने में 17 अगस्त को मशगूल थे तथा एक प्राइवेट जीप पर कार्यालय से आवास और बाजार की सैर कर रहे थे.
- लगभग छह दशक पूर्व तक अविभाजित बिहार के पूर्णियां जिला के कोसी नदी का कछार वाला इलाका जंगल, हिंसक वन्य प्राणियों और जल जीवों के लिए मशहूर था लेकिन बढ़ती आबादी, पर्यावरण में आए बदलाव, वृक्षों की अंधाधुंध कटाई और कोसी परियोजना के कार्यान्वयन के कारण इस इलाके में वन्य प्राणी तथा जल जीव पूरी तरह लुप्त या दुर्लभ हो चुके हैं, लेकिन लम्बे अर्से बाद एक बार फिर कुर्सेला घाट पर लगभग तीन मीटर लम्बे और डेढ़ मीटर चौडे़ तीन बड़े मगरमच्छ इन दिनों धूप सेंकते नजर आ रहे हैं।
- लगभग छह दशक पूर्व तक अविभाजित बिहार के पूर्णियां जिला के कोसी नदी का कछार वाला इलाका जंगल, हिंसक वन्य प्राणियों और जल जीवों के लिए मशहूर था लेकिन बढ़ती आबादी, पर्यावरण में आए बदलाव, वृक्षों की अंधाधुंध कटाई और कोसी परियोजना के कार्यान्वयन के कारण इस इलाके में वन्य प्राणी तथा जल जीव पूरी तरह लुप्त या दुर्लभ हो चुके हैं, लेकिन लम्बे अर्से बाद एक बार फिर कुर्सेला घाट पर लगभग तीन मीटर लम्बे और डेढ़ मीटर चौडे़ तीन बड़े मगरमच्छ इन दिनों धूप सेंकते नजर आ रहे हैं।