क्रीडांगन वाक्य
उच्चारण: [ keridaanegan ]
उदाहरण वाक्य
- मानवता, समता, ममता | सारथी साथ मनोरथ का, जो अनिवार नहीं थमता || संकल्प अविजित अभिमतं | आनंद मंगल मंगलम || कुसुमित नई कामनाएं, सुरभित नई साधनाएँ | मैत्रिमत क्रीडांगन में, प्रमुदित नई भावनाएं || शाश्वत सुविक्षित अति शुभम | आनंद मंगल मंगलम ||
- इश्वर के दिए इस शरीर रूपे यंत्र को हम किस प्रकार नियंत्रित कर सकते हैं, कैसे इसका विकास कर सकते हैं और इसे स्वस्थ, सुन्दर और पुष्ट बना सकते हैं, यह सिखाना एवं उसे जीवन में उतारना ही क्रीडांगन का लक्ष्य है.
- स्वागतम् शुभ स्वागतम् आनंद मंगल मंगलम् नित प्रियम् भारत भारतम् नित्य निरंतरता नवता मानवता समता ममता सारथि साथ मनोरथ का जो अनिवार नहीं थमता संकल्प अविजित अभिमतम् आनंद मंगल मंगलम् नित प्रियम् भारत भारतम् कुसुमित नई कामनाएँ सुरभित नई साधनाएँ मैत्री मति क्रीडांगन में प्रमुदित बन्धु भावनाएँ
- विचारोंके वमल में छिपे सुक्ष्म प्रतिबिम्ब भी जब आत्माके क्रीडांगन में एक नक्कार स्वप्ना बन जाए.-“ मुश्ताक ” तेरी बन्दगी मैंने की तेरी बन्दगी मैंने की, यह मेरी ज़िन्दगी बन्दगी है तेरी, तुझसे हूँ ऐसे जुडा मैं, साँसों से धड़कनें जैसे जुडीं, तेरी बन्दगी मैंने की, यह मेरी ज़िन्दगी बन्दगी है तेरी, तुझको सब में ढूँढा मैंने, मुझको मुझी में मिला तू.