खातमी वाक्य
उच्चारण: [ khaatemi ]
उदाहरण वाक्य
- ईरान के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद खातमी ने चेतावनी के स्वर में कहा है कि अगर अमेरिका ईरान पर उसके एटमी कार्यक्रम को लेकर हद से ज्यादा दबाव डालता रहेगा तो इससे बात बिगड़ेगी।
- राष्ट्रपति चुने गये हसन रुहानी को पुराने विचार और सुधारवादी नेता दोनों का समर्थन प्राप्त हुआ जिसके अन्तर्गत पूर्व राष्ट्रपति अली अकबर हाशमी रफसंजानी और खातमी का समर्थन मुख्य रूप से हासिल था!
- ईरान के सुधारवादी नेता राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद को सत्ता से बाहर करने की मुश्किलों के बारे में अवगत होने के बावजूद अपने राजनीतिक गुरु मोहम्मद खातमी के लिए जमीन तैयार करने में जुट गए हैं।
- खातमी के प्रवक्ता मोहम्मद-अली-अब्ताही ने ताब्रिज की अपनी यात्रा के दौरान कहा, '' हम उन 1.15 करोड़ लोगों को अपने साथ लाना चाहते हैं, जिन्होंने पिछली बार चुनावों में हिस्सा नहीं लिया था।
- लेकिन क्या वजह है कि रुहानी जीत गए? एक कारण तो यह है कि दो पूर्व राष्ट्रपति अकबर हाशिम रफसंजानी और मुहम्मद खातमी ने चुनाव के तीन दिन पहले रुहानी को स्पष्ट समर्थन दे दिया।
- इन सारी परेशानियों से ईरानी जनता के भीतर उभरने वाले असन्तोष को अहमदीनेजाद और उन्हें समर्थन करने वाले खामैनी की तरफ मोड़ने की रणनीति में मौसावी, खातमी और रफसंजानी का गुट कुछ हद तक तो कामयाब हुआ भी है।
- और (पूर्व अध्यक्ष मोहम्मद) खातमी वे हैं जो ईरान में नरम क्रांति के पीछे मुख्य संदिग्ध हैं, “अगर हम न्यायपालिका की उम्मीद..., बाद उन्हें जाने के लिए उन्हें गिरफ्तार, परीक्षण पर डाल दिया और दंडित करने के लिए उन्हें, ”एक वरिष्ठ गार्ड 'कमांडर,
- 24 सितंबर, 1998 को, ब्रिटेन के साथ राजनयिक संबंधों की पुनर्बहाली के लिए एक पूर्व शर्त के रूप में, उस वक़्त मोहम्मद खातमी के नेतृत्व वाली ईरानी सरकार ने, एक सार्वजनिक प्रतिबद्धता जताई कि वह “रुश्दी की हत्या के संचालन को ना तो समर्थन देगी, ना ही रोक लगाएगी.”[17][18]
- 24 सितंबर, 1998 को, ब्रिटेन के साथ राजनयिक संबंधों की पुनर्बहाली के लिए एक पूर्व शर्त के रूप में, उस वक़्त मोहम्मद खातमी के नेतृत्व वाली ईरानी सरकार ने, एक सार्वजनिक प्रतिबद्धता जताई कि वह “रुश्दी की हत्या के संचालन को ना तो समर्थन देगी, ना ही रोक लगाएगी.”
- अब प्रश्न यह है कि डॉ. रुहानी को ईरानी जनता ने तो स्वीकार कर लिया, लेकिन क्या सर्वोच्च नेता अली खामेनई और ईरानी इंकलाबी सुरक्षा सेना पूरी तरह उनका साथ देगी? अहमदीनेजाद और खामेनई के बीच हुए टकराव जैसी स्थिति तो नहीं बनेगी? रुहानी का साथ देने में खातमी और रफसंजानी आगे हैं।