गज़क वाक्य
उच्चारण: [ gajek ]
उदाहरण वाक्य
- संक्रांति पर आया सूर्य मकर में, आये नहीं तुम मगर पर्व उत्तरायण का आया, पर दिया न उत्तर तिल तिल कर दिल जला, खिचड़ी बाल हो गये और गज़क जैसे हम खस्ता हाल हो गये अगन लोहड़ी की है तपा रही, इस तन को अब आ जाओ, तड़फ रहा मन, मधुर मिलन को
- आलू भर्ता चना दाल परांठा चूरमा दाल बाटी घेवर आलू मंगौड़ी भुना कुकड़ा गट्टे की सब्जी जयपुरी गज़क जयपुरी मेवा पुलाव केसर मुर्ग लहसुन की चटनी मिस्सी रोटी केसरी भात खस्ता पूरी जोदधुरी कचौरी मक्की पनीर पकौड़ा मारवाड़ी गट्टा कढ़ी मूंग दाल हल्वा पकौड़ी कढ़ी पापड़ सब्जी शाही गट्टे सब्ज़ सांगानेर शही गट्टे मेथी के गट्टे पनीर भरे पापड़ राजस्थानी भिंडी वेज खिचड़ी
- चाय की प्याली और गुनगुनी धुप में फुरसत के पल का इंतज़ार घर में गप्पे के ठहाके खिलखिलाते से चहरे तिल कि महक और गज़क का स्वाद पिन्नियां (अट्टे के मेवा वाले लाडू) का बड़े डब्बे में बांध जाना गाजर के हलवे के खुशबु में डूब मन गरम चाय के कई दौर होना कभी मटर के कभी मूगफली के साथ छिलको का साथ
- आलू भर्ता • चना दाल परांठा • चूरमा • दाल बाटी • घेवर • आलू मंगौड़ी • भुना कुकड़ा • गट्टे की सब्जी • जयपुरी गज़क • जयपुरी मेवा पुलाव • केसर मुर्ग • लहसुन की चटनी • मिस्सी रोटी • केसरी भात • खस्ता पूरी • जोदधुरी कचौरी • मक्की पनीर पकौड़ा • मारवाड़ी गट्टा कढ़ी • मूंग दाल हल्वा • पकौड़ी कढ़ी • पापड़
- ड़ी • भुना कुकड़ा • गट्टे की सब्जी • जयपुरी गज़क • जयपुरी मेवा पुलाव • केसर मुर्ग • लहसुन की चटनी • मिस्सी रोटी • केसरी भात • खस्ता पूरी • जोदधुरी कचौरी • मक्की पनीर पकौड़ा • मारवाड़ी गट्टा कढ़ी • मूंग दाल हल्वा • पकौड़ी कढ़ी • पापड़ सब्जी • शाही गट्टे • सब्ज़ सांगानेर • शही गट्टे • मेथी के गट्टे • पनीर भरे पापड़ • राजस्थानी
- इस प्रकार जमा की गई चीजो को ही लोहड़ी कहते हैं जिसमें मूंगफली, रेवड़ी, गज़क, तिल, मिठाइयाँ, पॉपकॉर्न, गुड़, चीनी की डली और धन भी होता हैं! अलाव भी शाम को जलाये जाते हैं पर यह पंजाब में अलग-2 जगहों पर अलग-2 तरीकों से मनाई जाती हैं! कई जगहों पर गाय के गोबर से लोहड़ी के देवता भी बनाये जाते हैं और सजाये जाते हैं!
- ' संध्या शर्मा का नमस्कार.....ये ब्लॉगिंग है जनाब! जैसे हड्डी-शोरबा मिला शोख़ क़बाब या गज़क लाजवाब पर यहाँ नहीं है कोई नवाब एक-दूजे का जोरदार हुकुम बजाइये और नजराना में वही आह-वाह पाइये......लीजिये प्रस्तुत है, आज की वार्ता........ श्रीसंतों का कैसा हो बसंत?-श्रीसंतों का कैसा हो बसंत? आ रही सट्टालय से पुकार है बुकी गरजता बार-बार कर फिक्सिंग तू बटोर नोट अपार सब कुछ मिले है तुरंत-फुरंत ।...छडो जी, सानु की... वडे लोकां दि(...)'
- आलू भर्ता • चना दाल परांठा • चूरमा • दाल बाटी • घेवर • आलू मंगौड़ी • भुना कुकड़ा • गट्टे की सब्जी • जयपुरी गज़क • जयपुरी मेवा पुलाव • केसर मुर्ग • लहसुन की चटनी • मिस्सी रोटी • केसरी भात • खस्ता पूरी • जोदधुरी कचौरी • मक्की पनीर पकौड़ा • मारवाड़ी गट्टा कढ़ी • मूंग दाल हल्वा • पकौड़ी कढ़ी • पापड़ सब्जी • शाही गट्टे • सब्ज़ सांगानेर • शही गट्टे • मेथी के गट्टे • पनीर भरे पापड़ • राजस्थानी भिंडी • वेज
- अब ये तो कहिये मत कि २ रुपये में आता क्या है, भाई उस समय २ ५ पैसे में चिड़ियामार बन्दूक से ४ गुब्बारों पर या सुई पर निशाना साधते थे (ये दीगर बात है कि पीछे चिपके कागज़ में छेद करने के अलावा और कुछ कर भी नहीं पाते थे), २ ५ पैसे के उबले चने, २ ५ पैसे का एक पापड़ और बचे पैसों की मूंगफली / रेवड़ी या गज़क / बेसन की लच्छी की तरह का कुछ घर ले आते थे.