गणपति शास्त्री वाक्य
उच्चारण: [ ganepti shaasetri ]
उदाहरण वाक्य
- आज कई नाटकों में उनका नाम लेखक के रूप में उल्लिखित है पर १९१२ में त्रिवेंद्रम में गणपति शास्त्री ने नाटकों के लेखन शैली में समानता देखकर उन्हें भास-लिखित बताया ।
- आज कई नाटकों में उनका नाम लेखक के रूप में उल्लिखित है पर १९१२ में त्रिवेंद्रम में गणपति शास्त्री ने नाटकों के लेखन शैली में समानता देखकर उन्हें भास-लिखित बताया ।
- अब से ठीक सौ बरस पहले केरल में टी. गणपति शास्त्री ने त्रावनकोर-महाराज के अनुरोध पर तमाम उन पाण्डुलिपियों का अध्ययन किया जो महाराज के पुस्तकालय में थीं और जिनका सम्बन्ध कुडियाट्टम् रंग-नृत्यशैली से था.
- पिछले डेढ़ सौ वर्षों में परिभाषेंदुशेखर पर लगभग 25 टीकाएँ लिखी गई हैं जिनमें गदा, भैरवी, भावार्थदीपिका के अतिरिक्त तात्या शास्त्री पटवर्धन, गणपति शास्त्री मोकाटे, भास्कर शास्त्री, वासुदेव अभ्यंकर, मन्युदेव, चिद्रूपाश्रय आदि की टीकाएँ हैं।
- पिछले डेढ़ सौ वर्षों में परिभाषेंदुशेखर पर लगभग 25 टीकाएँ लिखी गई हैं जिनमें गदा, भैरवी, भावार्थदीपिका के अतिरिक्त तात्या शास्त्री पटवर्धन, गणपति शास्त्री मोकाटे, भास्कर शास्त्री, वासुदेव अभ्यंकर, मन्युदेव, चिद्रूपाश्रय आदि की टीकाएँ हैं।
- पिछले डेढ़ सौ वर्षों में परिभाषेंदुशेखर पर लगभग 25 टीकाएँ लिखी गई हैं जिनमें गदा, भैरवी, भावार्थदीपिका के अतिरिक्त तात्या शास्त्री पटवर्धन, गणपति शास्त्री मोकाटे, भास्कर शास्त्री, वासुदेव अभ्यंकर, मन्युदेव, चिद्रूपाश्रय आदि की टीकाएँ हैं।
- चार प्रहर की पूजा श्रेष्ठ: वैदिक गणपति शास्त्री महाराज के अनुसार इस बार महाशिवरात्रि को शिव जागरण व पूजा के लिहाज से पहला प्रहर शाम 6.29 बजे, दूसरा प्रहर रात 9.40 बजे, तीसरा प्रहर 12.50 बजे तथा चौथा सुबह 4.00 बजे श्रेष्ठ होगा।