गांधी हाल वाक्य
उच्चारण: [ gaaanedhi haal ]
उदाहरण वाक्य
- कुछ प्रदेशों के उदाहरण दिए जा सकते हैं, सोनिया गांधी हाल ही में महाराष्ट्र गईं तो मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख और कुछ साल पहले शिवसेना छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए नारायण सिंह राणे के समर्थक उनके सामने ही आपस में भिड़ गए।
- को सांय 6 बजे कुलदेवता महाराजा अग्रसेन की 5137 वीं जयंती के उपलक्ष में राजबाडा से गांधी हाल तक निकलने वाली भव्य शोभायात्रा की तैयारियों को लेकर शहर के लगभग सभी क्षेत्रों में जबर्दस्त उत्साह और जोश देखने को मिल रहा...
- अभूतपूर्व शोभा एवं पालकी यात्रा ने बिखेरे इन्द्रधनुषी रंग-समाज को कई सौगातें भी इंदौर अग्रवाल समाज के कुलदेवता महाराजा अग्रसेन की 5137 वीं जयंती पर आज राजबाड़ा से गांधी हाल तक निकली शोभायात्रा एवं पालकी यात्रा में समाजबंधुओं की मौजूदगी ने पिछले दो दशकों के इतिहास को पीछे छोड़ दिया।
- स्थनीय गांधी हाल में एसडीएसवाई योजना के अंर्तगत ऋण वितरण समारोह में जिलाधिकारी एकें सिंह राठौर एवं मुख्य विकास अधिकारी आनंद कुमार द्विवेदी ने जनपद के सभी विकास खंडों में सीसीएल समूह के 33 लाभार्थियों को 7015 लाख रूपए, 64 समूहों को 289.701 लाख रूपए तथा 329 व्यक्ति स्वराज्य गारियों को 168 लाख रूपए का ऋण वितरित किया।
- यह देखकर वहां बैठे कार्यकर्ता हक्के-बक्के रह गए कि जिस व्यकित को चुनाव लड़ना है उसे तो इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वर्तमान में वह पदाधिकारी चुनाव लड़ने की लार्इन में है और यदि एक पदाधिकारी का अपमान गांधी हाल में कर सकता है तो तय मानिए कि अन्य कार्यकर्ताओं की तो कोर्इ औकात ही नहीं होगी।
- गांधी हाल के फिल्म शो हों, दीपक रेस्त्रा की धमा-चौकडी, बड़ी मार्केट की शाम हो, “ ढाई नम्बर ” होस्टल (सरोजनी भवन, जिसे यह नाम हम पाँच नम्बर होस्टल यानि चितरंजन भवन वालों ने दिया था, हा. हा. हा) से नगला तक बिना बात देर तक टहलना.... अपने बाबा सह्गल को छोड़कर..
- अग्रसेन जयंती महोत्सव एवं नवरात्र महोत्सव के उत्सवी रंग में आज गांधी हाल में आयोजित सम्मेलन में नए अध्यक्ष श्री किशोर गोयल ने समाजबंधुओं के लिए जहां केन्द्रीय समिति की सदस्यता खोलने एक एम्बुलेंस, एक शव वाहन, 20 मेडिकल पलंगों की व्यवस्था जैसी सुविधाएं देने की घोषणा की, वहीं शिक्षा सहायता ट्रस्ट की ओर से वरिष्ठ समाजसेवी श्री विनोद अग्रवाल एवं प्रेमचंद गोयल ने प्रतिवर्ष दी जा रही 40 लाख रू.
- बैंड-बाजों, ढोल ताशों, भजन एवं गरबा मंडलियों, मंगल कलशधारी लाल चुनरी पहने महिलाओं, समाज के 18 गौत्र के प्रतीक 18 अश्वारोही बालकों, तीस बग्घियों पर सवार वक्रतुंड फेंसी ड्रेस स्पर्धा में सजे-धजे 300 बच्चों और वेदपाठ करते चल रहे संस्कृत विद्यालय के बच्चों सहित श्वेत एवं पीताम्बर वस्त्रों में आए समाज के महिला-पुरूषों के शानदार लवाजमें में गरबा करती बालिकाओं के समूह और जयघोष करते अग्रबंधुओं ने समूचे माहौल में अपने श्रद्धा, भक्ति, सेवा, जोश और उमंग के ऐसे रंग बिखेरे कि गांधी हाल तक सारा माहौल इन्द्रधनुषी बना रहा।