गाली-गलौज की भाषा वाक्य
उच्चारण: [ gaaali-galauj ki bhaasaa ]
"गाली-गलौज की भाषा" अंग्रेज़ी में
उदाहरण वाक्य
- सि द्धार्थ जी, लगता है आप समझदार व् यक् ति हैं, लि खा हुआ पढ़ लेते हैं, मेरा सारा लि खा आपके सामने है आप कृपया बताएं कि कहां पर गाली-गलौज की भाषा का इस् तेमाल कि या गया है।
- आलोक तोमर आप अपनी असल भाव-भंगि मा में मैदान में पूरे गुरुदेव के साथ आएं और जवाब दें कि आखि रकार ‘ जनसत्ता ' का पतन क् यों हुआ? चाहें तो आप यह काम गाली-गलौज की भाषा में भी कर सकते हैं।
- इस किताब को पढ कर यह आसानी से समझा जा सकता है कि दिल्ली से एक “ तथाकथित मानवाधिकारवादी ” गाली-गलौज की भाषा में इसका विरोध क्यों कर रहा था? यह भी कि एक पत्रकार निर्पेक्षता से जब अपनी ही आलोचना से गुरेज न करे तो कृति पर बहस होनी चाहिये।
- इन सारी बातों के दृष्टिगत मैंने यह कहा था कि इस प्रकार सीधे-सीधे गाली-गलौज की भाषा का प्रयोग ना हो, ये लोग अपनी भावना व्यक्त करने हेतु माँ-बहन की गालियों, घटिया और ओछी बातों, अशिष्ट भाषा, हिंदी और अंग्रेजी के चुनिन्दा और गंदे शब्दों का प्रयोग ना करें.
- बहरहाल हम एक मित्र को भेजे विस्तृत समाचार के लिये. वो एक ऐसे जीव से बतियाये जो सभी राजनीतिज्ञों का प्रतिनिधित्व करते हैं.बातचीत सवाल-जवाब के रूप में प्रस्तुत है:-सवाल:-आजकल नेता लोग गाली-गलौज की भाषा में बातचीत करते हैं.क्या विचार है आपका इस बारे में? जवाब:-विचार क्या है जी.यह तो जनता से जुडने की कोशिश है.
- मै समझ नहीं पा रहा हूँ कि क्यूँ कुछ व्यक्ति इस जगह पर आकर गाली-गलौज की भाषा का प्रयोग करते हैं जहाँ तक मैं समझता हूँ ये एक ऐसा स्थान है जहाँ कोई भी समझदार व्यक्ति आकर अपने विचारों को व्यक्त कर सकता है ये अवश्य है कि वो विचार किसी की भावना को चोट ना पहुचते हो.
- अब जब हमारे महान नेताओं के पास अपने को पाक-साफ साबित करने के लिये कुछ नहीं बचा तो ओछी भाषा में विकीलीक्स के संपादक अंसाजे के साथ गाली-गलौज की भाषा में पलटवार करे रहे हैं या भारत के लोकतन्त्र को कमजोर करने की साजिश करार कर रहे हैं स्विस बैंकों में जमा भारतीय काला धन, नोट के बदले वोट, वित्तमंत्री पी.
- जहाँ तक मैं समझता हूँ यहाँ पर 98% दोस्त समझदार और पढ़े लिखे ही हैं और इस स्थान पर काम भी पढ़े लिखे व्यक्तियों का ही है इसलिए अगर किसी पाठक कि समझ मे किसी भी लेखक की कोई बात नहीं आती है तो मे तो ये ही उम्मीद करता हूँ की किसी लेखक के प्रति गाली-गलौज की भाषा का प्रयोग करने की जगह वो पाठक दोस्त उस लेखक सीधे-सीधे ई-मेल या फिर फोन के द्वारा अपने मन के विचारों का समाधान कर ले.