गेंदालाल दीक्षित वाक्य
उच्चारण: [ gaenedaalaal dikesit ]
उदाहरण वाक्य
- मेरा अनुमान है कि, स्व० [...] 1.श्री रामप्रसाद बिस्मिल विशेष परिचय गेंदालाल दीक्षित पहली डकैती मैनपुरी षड़यंत्र शाहज़हाँपुर श्री रामप्रसाद बिस्मिल अमर शहीद की अँतिम नोट से इस आत्मकथ्य का पटाक्षेप नहीं होता ।
- बाकायदा चार्जशीट तैयार की गयी और मैनपुरी के स्पेशल मैजिस्ट्रेट बी० एस० क्रिस की अदालत में गेंदालाल दीक्षित सहित सभी नवयुवकों पर सम्राट के विरुद्ध साजिश रचने का मुकदमा दायर करके मैनपुरी की जेल में डाल दिया गया।
- बाकायदा चार्जशीट तैयार की गयी और मैनपुरी के स्पेशल मैजिस्ट्रेट बी० एस० क्रिस की अदालत में गेंदालाल दीक्षित सहित सभी नवयुवकों पर सम्राट के विरुद्ध साजिश रचने का मुकदमा दायर करके मैनपुरी की जेल में डाल दिया गया।
- मैनपुरी विप्लव दल के नेता श्री गेंदालाल दीक्षित को ग्वालियर की जेल से छुड़ाने के वास्ते अपने साथ १ ० और विद्यार्थियों को लेकर जिनकी आयु २ ० वर्ष से न्यून थी, पहली डकैती डाली थी ।
- पं ० गेंदालाल दीक्षित का जन्म माघ बदी ५, विक्रम संवत १ ९ ४ ७, तदनुसार ३ ० नवम्बर सन् १ ८८८ [1] को आगरा जिले की तहसील बाह के ग्राम मई में हुआ था।
- बाकायदा चार्जशीट तैयार की गयी और मैनपुरी के स्पेशल मैजिस्ट्रेट बी ० एस ० क्रिस की अदालत में गेंदालाल दीक्षित सहित सभी नवयुवकों पर सम्राट के विरुद्ध साजिश रचने का मुकदमा दायर करके मैनपुरी की जेल में डाल दिया गया।
- मुकुन्दीलाल को आजीवन कारावास की सजा हुई जबकि राम प्रसाद ' बिस्मिल' को तो फाँसी ही दे दी गयी क्योंकि वे भी मैनपुरी काण्ड में गेंदालाल दीक्षित को आगरा के किले से छुडाने की योजना बनाने वाले मातृवेदी दल के नेता थे।
- इस षड्यन्त्र में विशेषताएं ये हुईं कि नेताओं में से केवल दो व्यक् ति पुलिस के हाथ आए, जिनमें गेंदालाल दीक्षित एक सरकारी गवाह को लेकर भाग गए, श्रीयुत शिवकृष्ण जेल से भाग गए, फिर हाथ न आए ।
- मुकुन्दीलाल को आजीवन कारावास की सजा हुई जबकि राम प्रसाद ' बिस्मिल ' को तो फाँसी ही दे दी गयी क्योंकि वे भी मैनपुरी काण्ड में गेंदालाल दीक्षित को आगरा के किले से छुडाने की योजना बनाने वाले मातृवेदी दल के नेता थे।
- इन्हीं डकैतों ने क्रान्तिकारियों गेंदालाल दीक्षित, अशफाक उल्ला खान के नेतृत्व में सन 1909 में ही पिन्हार तहसील का खजाना लूटा और उन्हीं हथियारों से 9 अगस्त 1915 को हरदोई से लखनऊ जा रही ट्रेन को काकोरी रेलवे स्टेशन पर रोककर सरकारी खजाना लूटा।