ग्वालियर दुर्ग वाक्य
उच्चारण: [ gavaaliyer durega ]
उदाहरण वाक्य
- ऐसी कुछ बावड़ियों की जानकारी को दो भागों में बॉटा जा सकता है:-(क) ग्वालियर दुर्ग की बावड़ियाँ और (ख) शहर में स्थित बावड़ियाँ ।
- ग्वालियर दुर्ग पर म. प ्र राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा संचालित ध्वनि एवं प्रकाश कार्यक्रम की दरें आज 21 जून 0 7 से आगामी आदेश तक परिवर्तित की गई है ।
- एक जमींदार सूरसेन ने एक भव्य बावड़ी का निर्माण करके ग्वालियर राज्य की स्थापना की थी, यह ऐतिहासिक बावड़ी '' सूरजकुंड '' आज भी ग्वालियर दुर्ग में स्थित है.
- इसके उपरान्त उनको विदा करते समय प्रत्येक बड़े सरदार को एक सहस्र रुपये, प्रत्येक सैनिक को सौ रुपये, लत्ते-कपड़े तथा अन्न दिया और अपनी सेना की देख-रेख में ग्वालियर दुर्ग तक भेजा ।
- परिषद् के सचिव डॉ प्रेमसिंह आर्यवीर और मैं (रामवीर सिंह) ग्वालियर दुर्ग पर अचानक एक बिना पढे-लिखे बुजुर्ग (अपन्जिकृत) गाइड से टकरा गए थे जिसने हमें इस छत्री के बारे में थोड़ी सी अपुष्ट एवम् अस्पष्ट जानकारी दी थी.
- नगर निगम आयुक्त डा. पवन शर्मा ने बताया कि 750 मीटर, लम्बाई में बनने जा रही इस ‘ रोप-वे ' का लोअर टर्मिनल फूलबाग स्थित बारादरी पर व अपर टर्मिनल ग्वालियर दुर्ग स्थित ‘ एक पत्थर की बावड़ी ' के समीप बनाया जायेगा।
- इन वीर राणा शासकों ने कई बार मराठों को पराजित किया और [[Gwalior | ग्वालियर दुर्ग]] अपने अधिकार में रखा. अठारवीं शताब्दी में [[Gwalior | ग्वालियर दुर्ग]] राणा शासकों और मराठा के बीच प्रतिष्ठा का प्रश्न बना रहा था.
- इन वीर राणा शासकों ने कई बार मराठों को पराजित किया और [[Gwalior | ग्वालियर दुर्ग]] अपने अधिकार में रखा. अठारवीं शताब्दी में [[Gwalior | ग्वालियर दुर्ग]] राणा शासकों और मराठा के बीच प्रतिष्ठा का प्रश्न बना रहा था.
- अठारवीं शताब्दी में गोहद नरेश [[Maharaja Bhim Singh Rana | महाराजा भीमसिंह राणा]] तथा [[Maharaja Chhatra Singh Rana | महाराजा छ्त्रसिंह राणा]] का ” [[Gwalior | गोपाचल]] ' (ग्वालियर दुर्ग) पर अनेक सालों तक शासन रहा था.
- जे यू पुरातत्व अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष प्रो. आर ए शर्मा के मुताबिक-45 मीटर ऊंचे और 11.85 किलोमीटर की परिधि, [चौड़ाई लगभग एक किमी] वाले इस ग्वालियर दुर्ग का निर्माण ५ २ ५ AD शताब्दी में राजा सूरजसेन ने करवाया था.