चलन के अनुसार वाक्य
उच्चारण: [ cheln kanusaar ]
"चलन के अनुसार" अंग्रेज़ी में
उदाहरण वाक्य
- अब बिहार और झारखण्ड ठहरे जुड़वाँ भाई भले ही दोनों भाइयों के बीच ज़माने के चलन के अनुसार बंटवारा हो गया हो सो झारखण्ड को जैसे ही अस्थिरता की बीमारी लगी बिहार भी इस रोग से प्रभावित होने लगा.
- चूँकि एक लंबे समय से अनेक कारणों से हमारा देश गरीब था और विभिन्न प्रकार के भ्रष्टाचार हमारे समाज में व्याप्त थे, अतः पुरुष-वर्ग में तदनुसार चालाकी अधिक थी ; चलन के अनुसार दंद-फंद में भी वे लगे ही रहते थे।
- आज के चलन के अनुसार हम यह कह के अपने को बचाने का प्रयास तो कर सकते हैं, कि हम तो दाल में नमक खा रहे हैं पर दूसरे तो नमक में दाल खा रहे हैं, पर इससे बच नहीं सकते।
- अपनी मांग को मनवाने के लिए वह आज के चलन के अनुसार अपने परिवार के सदस्यों के साथ यदा कदा सड़कों के बीच में बैठकर तथा चक्का जाम करने का हथकण्डा भी अपनाती रहती है परन्तु प्रशासन उसे वहां से खदेड़ देता हैं ।
- कोई खूसट ईमानदार अचानक आता है और ‘ चलन के अनुसार ' रिश्वत के लिए मोलभाव (जो की यहाँ की अब तक सामान्य बात थी) करने वाले का काम रुकवा देता है, या कभी कभी अन्दर भी करा देता है.
- प्रतिभा जन्मजात होती है: ‘उन्होंने घर पर संस्कृत, अंग्रेजी और फारसी की शिक्षा ग्रहण की' या आजकल के चलन के अनुसार ‘उन्होंने पहले अंग्रेजी में एमए किया' इत्यादि सूचनाएं कुछ इस तरह से दी जाती हैं कि न भी पढ़ते तो भी महान होते।
- और फिर मेरे जैसा कल्पनाशील यात्री, हर नये चढ़ने वाले यात्री के वेशभूषा, शक्ल, बातचीत के लहजे, नामों के चलन के अनुसार उसका प्रदेश-परिवेश भांपने का प्रयास करता है, यकीन मानिए बस वैसा ही कुछ मैं भी कर रही थी।
- और फिर मेरे जैसा कल्पनाशील यात्री, हर नये चढ़ने वाले यात्री के वेशभूषा, शक्ल, बातचीत के लहजे, नामों के चलन के अनुसार उसका प्रदेश-परिवेश भांपने का प्रयास करता है, यकीन मानिए बस वैसा ही कुछ मैं भी कर रही थी।
- ©मोहन राणा रेत के पुल पर गिरगिट सच है क्या-ना दिखे तो भ्रम दिखे तो संशय होता है खुद पर नदी पत्थर हो चुकी रेत के पुल पर गिरगिट किसी परछाईं के जीवाश्म को देख चौंकता © मोहन राणा गिरगिट कितने नाम बदले चलन के अनुसार रंगत भी
- एकबार की बात है कि एम. आई. रोड के एक होटल में चलन के अनुसार रमेशजी पनीर-मलाई वाली सब्जियों का आर्डर दे रहे थे तो वात्स्यायनजी ने टोक कर कहा था, ‘ थानवीजी फैन्सी भोजन क्यों मंगवा रहे हैं, साग मंगवाइये ', मांसाहारी अज्ञेयजी का आग्रह हमें रुचा था।