चार आर्य सत्य वाक्य
उच्चारण: [ chaar aarey sety ]
उदाहरण वाक्य
- जैन धर्म के सत्य और अहिंसा के सिद्धांत या उपवास की कठिन प्रक्रिया हो या फिर बौद्ध धर्म के चार आर्य सत्य हो या आष्टांगिक मार्ग का दर्शन।
- जैन धर्म के सत्य और अहिंसा के सिद्धांत या उपवास की कठिन प्रक्रिया हो या फिर बौद्ध धर्म के चार आर्य सत्य हो या आष्टांगिक मार्ग का दर्शन।
- बुद्ध दर्शन के मुख् य तत्व: चार आर्य सत्य, आष्टांगिक मार्ग, प्रतीत्यसमुत्पाद, अव्याकृत प्रश्नों पर बुद्ध का मौन, बुद्ध कथाएँ, अनात्मवाद और निर्वाण।
- * चार आर्य सत्य बुद्ध का पहले धर्मोपदेश, जो उन्होने अपने साथ के कुछ साधुओं को दिया था, इन चार आर्य सत्यों के बारे में था ।
- मुख्य धर्म पर्याय इस प्रकार हैं-चार आर्य सत्य, अष्टांगिक मार्ग, सात बोध्यांग, चार सम्यक् प्रधान पाँच इंद्रिय, प्रतीत्य समुत्पाद, स्कंध आयतन धातु रूपी संस्कृत धर्म नित्य दु:ख-अनात्म-रूपी संस्कृत लक्षण।
- सबकुछ त्यागकर चीवर पहन कर भन्ते बनकर ब्रह्मचारी शील को पालन कर चार आर्य सत्य की प्राप्ति के लिए बुद्धिमान युवक लोग गुरु भन्ते जी के पास आ गये थे.
- सबकुछ त्यागकर चीवर पहन कर भन्ते बनकर ब्रह्मचारी शील को पालन कर चार आर्य सत्य की प्राप्ति के लिए बुद्धिमान युवक लोग गुरु भन्ते जी के पास आ गये थे.
- कर्म से मुक्त होने या ज्ञान प्राप्ति हेतु मध्यम मार्ग अपनाते हुए व्यक्ति को चार आर्य सत्य को समझते हुए अष्टांग मार्ग का अभ्यास कहना चाहिए यही मोक्ष प्राप्ति का साधन है।
- = > बौद्ध धर्मग्रंथ: बौद्ध धर्म के मूल तत्व है-चार आर्य सत्य, आष्टांगिक मार्ग, प्रतीत्यसमुत्पाद, अव्याकृत प्रश्नों पर बुद्ध का मौन, बुद्ध कथाएँ, अनात्मवाद और निर्वाण।
- भगवान बुद्ध के चार आर्य सत्य हैं-“ संसार में दुःख है, दुःख का कारण है, कारण का निवारण है, एक अवस्था ऐसी है जहाँ कोई दुःख नहीं है ”.