चीनी मिट्टी के बर्तन वाक्य
उच्चारण: [ chini miteti k berten ]
"चीनी मिट्टी के बर्तन" अंग्रेज़ी में
उदाहरण वाक्य
- 2-3 छुहारे को स्टील या चीनी मिट्टी के बर्तन में रातभर पानी में भिगोए रखने के बाद सुबह गुठली अलग कर दें और छुहारे को दूध में पकाकर सेवन करने से कमजोरी मिट जाती है।
- खसखस के दाने 300 ग्राम, पोस्त के डोडे 500 ग्राम को चीनी मिट्टी के बर्तन में 1 लीटर पानी में रात को भिगो दें और सुबह इसे पीसकर पुन: उसी पानी में घोलकर कपड़े से छान लें।
- 22. जिगर की कमजोरी:-20 ग्राम ग्वारपाठा के पत्तों का रस तथा 10 ग्राम शहद दोनों द्रव्यों को चीनी मिट्टी के बर्तन में मुंह बंद करके 1 सप्ताह तक धूप में रखें, इसके बाद इसे छान लें।
- प्रफुल्लचन्द राय ने सौदेपुर में गधंक के तेजाब का कारखाना, कलकत्ता पॉट्री वर्क्स नाम से चीनी मिट्टी के बर्तन बनाने का कारखाना, बंगाल एनेमल वर्क्स नाम से ताम्रचीनी बर्तन बनाने का कारखाना आदि खुलवाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- इसी तरह चीनी मिट्टी के बर्तन और काँच के बर्तन का युग्म आख्याता के लिए वर्ग-चिन्हित, वय-चिन्हित अनुभव का स्रोत है ; काँच के बर्तन छूने के आतंक को सभ्यता के पारदर्शी लक्षण की संगत में ही पढ़ा जा सकता है.
- अपने संयंत्र बगीचे में एक का नेतृत्व प्राप्त है और इसलिए किसी भी रसोई घर की ओर किसी भी टमाटर और इसलिए एक खिड़की पर उज्ज्वल चीनी मिट्टी के बर्तन में मिर्च या यहाँ तक कि एक उज्ज्वल काउंटर शीर्ष शुरुआत के माध्यम से नवीन कार्य ले.
- Thanksनिशा: पुनीत, माइक्रोवेव में कांच या माइक्रोवेव सेफ प्लास्टिक या चीनी मिट्टी के बर्तन यूज कर सकते हैं, इन बर्तनों के ऊपर मैटल की कढ़ाई नही होनी चाहिये, लेकिन माइक्रोवेव को कन्वेक्सन मोड पर यूज कर रहें हैं तो आप कोई भी मेटल यूज कर सकते हैं.
- इसके अलावा चीनी मिट्टी के बर्तन व उत्कृष्ट क्राकरी के लिए ग्वालियर पॉटरीज, इंजीनियरिंग के साजो-सामान के लिए ग्वालियर इंजीनियरिंग वक्र्स और सिमको चमड़े की वस्तुओं के लिए यहाँ का कारखाना, बहुमूल्य व सुन्दर गलीचों व कालीनों के लिए ग्वालियर की अपनी धाक रही है।
- . अनार के 8-10 ताजे पत्तों का रस किसी चीनी मिट्टी के बर्तन में कपड़े से छानकर रख दें और सूख जाने पर इसे सुबह-शाम किसी तिल्ली या सलाई द्वारा आंखों में लगायें, इससे खुजली, आंखों से पानी बहना, पलकों की खराबी आदि रोग दूर होते हैं।
- * अनार के 8-10 ताजे पत्तों का रस किसी चीनी मिट्टी के बर्तन में कपड़े से छानकर रख दें और सूख जाने पर इसे सुबह-शाम किसी तिल्ली या सलाई द्वारा आंखों में लगायें, इससे खुजली, आंखों से पानी बहना, पलकों की खराबी, आदि रोग दूर होते हैं।