जगदीशचंद्र माथुर वाक्य
उच्चारण: [ jegadishechender maathur ]
उदाहरण वाक्य
- मुल्कराज आनंद, सुरेंद्र मोहंती, देवेश दास, सियारामशरण गुप्त, रामधारी सिंह दिनकर, उदयशंकर भट्ट, जगदीशचंद्र माथुर, डॉ. नगेन्द्र, डॉ. बी.आर.बेंद्रे, जैनेंद्र कुमार, मन्मथनाथ गुप्त, लक्ष्मीचंद्र जैन आदि प्रख्यात विद्वानों ने भाग लिया।
- यों तो जयशंकर प्रसाद के बाद नाटक लेखन के क्षेत्र में लक्ष्मी नारायण मिश्र एक बड़ा नाम हैं पर इतिहास के परिप्रेक्ष्य में प्रसाद की परंपरा से अलग हटकर प्रयोगशील नाटक लिखने की पहल जगदीशचंद्र माथुर ने अपने अप्रतिम नाटक ‘कोणार्क ' से की.
- (भिखारी ठाकुर की मृत्यु के पश्चात बिहार के पूर्व शिक्षा सचिव सह प्रख्यात शिक्षाविद जगदीशचंद्र माथुर ने साप्ताहिक हिंदुस्तान में ' भरत मुनि की परंपरा में भिखारी ठाकुर ' शीर्षक से लिखा था. उपरोक्त आलेख उसी का संक्षिप्त अंश है)
- इससे पूर्व काका कालेलकर, डॉ.संपूर्णानंद, डॉ.बी गोपाल रेड्डी, डॉ.कर्ण सिंह, डॉ.पी.वी.नरसिंह राव, आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, डॉ.आर.के.दासगुप्ता, डॉ.विनायक कृष्ण गोकाक, डॉ. उमाशंकर जोशी, डॉ.मसूद हुसैन, प्रो.एम.वी.राज्याध्यक्ष, डॉ.आदित्यनाथ झा, श्री जगदीशचंद्र माथुर सदृश विद्वान और साहित्यकार इस परिषद के अध्यक्ष या सदस्य रह चुके हैं।
- इससे पूर्व काका कालेलकर, डॉ.संपूर्णानंद, डॉ.बी गोपाल रेड्डी, डॉ.कर्ण सिंह, डॉ.पी.वी.नरसिंह राव, आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, डॉ.आर.के.दासगुप्ता, डॉ.विनायक कृष्ण गोकाक, डॉ. उमाशंकर जोशी, डॉ.मसूद हुसैन, प्रो.एम.वी.राज्याध्यक्ष, डॉ.आदित्यनाथ झा, श्री जगदीशचंद्र माथुर सदृश विद्वान और साहित्यकार इस परिषद के अध्यक्ष या सदस्य रह चुके हैं।
- यों तो जयशंकर प्रसाद के बाद नाटक लेखन के क्षेत्र में लक्ष्मी नारायण मिश्र एक बड़ा नाम हैं पर इतिहास के परिप्रेक्ष्य में प्रसाद की परंपरा से अलग हटकर प्रयोगशील नाटक लिखने की पहल जगदीशचंद्र माथुर ने अपने अप्रतिम नाटक ‘ कोणार्क ' से की.
- इससे पूर्व काका कालेलकर, डॉ.संपूर्णानंद, डॉ.बी गोपाल रेड्डी, डॉ.कर्ण सिंह, डॉ.पी.वी.नरसिंह राव, आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, डॉ.आर.के.दासगुप्ता, डॉ.विनायक कृष्ण गोकाक, डॉ. उमाशंकर जोशी, डॉ.मसूद हुसैन, प्रो.एम.वी.राज्याध्यक्ष, डॉ.आदित्यनाथ झा, श्री जगदीशचंद्र माथुर सदृश विद्वान और साहित्यकार इस परिषद के अध्यक्ष या सदस्य रह चुके हैं।
- इससे पूर्व काका कालेलकर, डॉ.संपूर्णानंद, डॉ.बी गोपाल रेड्डी, डॉ.कर्ण सिंह, डॉ.पी.वी.नरसिंह राव, आचार्य हज़ारी प्रसाद द्विवेदी, डॉ.आर.के.दासगुप्ता, डॉ.विनायक कृष्ण गोकाक, डॉ. उमाशंकर जोशी, डॉ.मसूद हुसैन, प्रो.एम.वी.राज्याध्यक्ष, डॉ.आदित्यनाथ झा, श्री जगदीशचंद्र माथुर सदृश विद्वान और साहित्यकार इस परिषद के अध्यक्ष या सदस्य रह चुके हैं।
- [[मुल्कराज आनंद]], सुरेंद्र मोहंती, देवेश दास, [[सियारामशरण गुप्त]], [[रामधारी सिंह ' दिनकर ']], उदयशंकर भट्ट, [[जगदीशचंद्र माथुर]], डॉ. नगेन्द्र, डॉ. बी. आर. बेंद्रे, जैनेंद्र कुमार, [[जैनेन्द्र कुमार]], [[मन्मथनाथ गुप्त]], लक्ष्मीचंद्र जैन आदि प्रख्यात विद्वानों ने भाग लिया।