जगन्नाथ दास वाक्य
उच्चारण: [ jeganenaath daas ]
उदाहरण वाक्य
- बैठक में भरत लाल शर्मा, सुंदरीशरण महाराज, महंत लाडि़ली शरण महाराज, केजी गुप्ता, व्यासनंदन शर्मा, रामसंजीवन दास, महंत जगन्नाथ दास शास्त्री आदि उपस्थित थे।
- नागरी प्रचारिणी सभा, काशी की ओर से यह १९०० में, राधाकृष्ण दास, कार्तिकप्रसाद खत्री, जगन्नाथ दास रत्नाकर, किशोरी लाल गोस्वामी और श्याम सुन्दर दास के संपादन में छपना शुरू हुआ।
- भविष्यपुराण के अनुसार राघवानंद, विलसन के अनुसार जगन्नाथ दास, सोरों से प्राप्त तथ्यों के अनुसार नरसिंह चौधरी तथा ग्रियर्सन एवं अंतर्साक्ष्य के अनुसार नरहरि तुलसीदास के गुरु थे।
- उड़ीसा में कर्इ शताब्दियों से जगन्नाथ दास द्वारा लिखित भागवत की चर्चा और पाठन संप्रदायिक स्थलों जिसे उडि़या मे भागवत तुँगी कहा जाता है, में होता चला आ रहा है.
- इस अवसर पर भरतलाल शर्मा, महंत जगन्नाथ दास शास्त्री, विष्णुदान शर्मा, राम संजीवनदास शास्त्री, ब्रजरज दास, हरिचरण दास, सभासद ममता शर्मा, अम्बरीश दास आदि उपस्थित थे।
- संगोष्ठी में महंत जगन्नाथ दास शास्त्री, डॉ. विनोद बनर्जी, महंत बलराम दास, बाबा राधामाधव दास, बिहारीलाल वशिष्ठ, भगवत शरण गौतम ने महंत अत्युदानंद को वृंदावन की निधि बताया।
- १८९७ में पोप के ‘एस्से आन क्रिटिसिस्म ' का जगन्नाथ दास रत्नाकर ने ‘समालोचानादर्श' नाम से पद्यात्मक अनुवाद किया था, तब से आज तक हिंदी आलोचक और विमर्शकार अनुवाद का खुलकर इस्तेमाल करते आ रहे हैं.
- “जीवन तत्व का साहित्यक धरोहर में विद्यमान होना प्रगति का लक्षण”, पूजनीय गुरूजी “महापुरुष जगन्नाथ दास सम्मान” पुरुस्कार से सम्मानित, साईं करुणा धाम के स्थापना दिवस पत्रिका “साईं प्रभा” का श्री गुरूजी द्वारा विमोचन,
- नागरी प्रचारिणी सभा, काशी की ओर से यह १ ९ ०० में, राधाकृष्ण दास, कार्तिकप्रसाद खत्री, जगन्नाथ दास रत्नाकर, किशोरी लाल गोस्वामी और श्याम सुन्दर दास के संपादन में छपना शुरू हुआ।
- नागर लखनऊ आए थे और यहां ‘सुधा ' से भी जुड़े रहे।इनके अलावा भगवती चरण वर्मा, वृंदावन लाल वर्मा, मैथिली शरण गुप्त, सियाराम शरण, रायकृष्ण दास, जगन्नाथ दास रत्नाकर, लखनऊ आते रहते थे व माधुरी से इनका नजदीकी रिश्ता बरकरार रहा।