जलते दीप वाक्य
उच्चारण: [ jelt dip ]
उदाहरण वाक्य
- दैनिक जलते दीप के रविवारीय पृष्ठ में काका जोधपुरी के नाम से देवीसिंह बडग़ूजर ने बच्चों, बूढ़े-जवानों के सवालों का जवाब देने का कॉलम शुरू किया, जिसने देवीसिह बडगूजर को एक नई पहचान दी।
- इस अवसर पर राजस्थानी साहित्य की उत्कर्ष सेवा के लिए मौन साधक श्री जुगल परिहार, सहायक संपादक ‘ माणक ' और जलते दीप को नृसिंह राजपुरोहित राजस्थानी साहित्य प्रतिभा पुरस्कार 2010 से सम्मानित किया गया।
- सो लम्बे समय तक दैनिक जलते दीप से जुडे रहने वाले देवीसिंह बडगूजर ने राष्ट्रप्रेम के कारण दैनिक भास्कर से जुड़कर कारगिल गए और वहां दो बार मौत के मुंह से बचकर युद्ध की रिपोर्टिंग की।
- 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद अपने व्यवसाय के साथ-साथ लेखन का काम भी प्रारंभ किया तथा देश भक्ति गीत और अन्य रचनाएं आदि भी लिखी जिनका स्थानीय अखबार दैनिक जनगण और दैनिक जलते दीप में प्रकाशन हुआ।
- जैसी चर्चित खबरे लिखने वाले देवीसिंह बडग़ूजर दैनिक जलते दीप के विशेष संवाददाता के पद पर रहते हुए भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन वर्ष 1986 में राजस्थान के पहले प्रतिरक्षा संवाददाता के रूप बेसिक प्रशिक्षण प्राप्त किया।
- कई चर्चित खबरें लिखने वाले देवीसिंह ने दैनिक जलते दीप के विशेष संवाददाता के पद पर रहते हुए भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन वर्ष 1986 में राजस्थान के पहले प्रतिरक्षा संवाददाता के रूप बेसिक प्रशिक्षण प्राप्त किया।
- 1975 में वे दैनिक जलते दीप से जुड़ कर पूर्णतया पत्रकारिता के क्षेत्र में उतर आए और इस समाचार पत्र के रविवारीय पृष्ठ में काका जोधपुरी के नाम से इन्होंने पाठकों के सवालों का जवाब देने का लोकप्रिय कॉलम शुरू किया।
- खोजपूर्ण एवं सही तथ्यों के साथ समाचार संकलन में विश्वास रखने वाले बड़गूजर को “ गोटारू में गैस का भंडार मिला ” शीर्षक वाली खबर सही पाने पर दैनिक जलते दीप के पुरस्कृत किया और यह खबर प्रथम पृष्ठ पर बाक्स में छापी।
- मुख्य अतिथि विधिवेता प्रो॰ एस. आर.भंसाली ने यह घोषणा माणक अलंकरण चयन समिति की ओर से शुक्रवार को यहंा डा॰ दशरथमल सिंघवी सभागार गीता भवन में दैनिक जलते दीप के संस्थापक संपादक माणक मेहता की 34 वीं पुण्य तिथि पर आयोजित संगोष्ठी में की।
- ये विचार उन्होंने पद्मश्री कन्हैयालाल सेठिया की पुण्यतिथि के अवसर पर राजस्थानी मासिक ‘ माणक ' और साहित्यिक संस्था ‘ जुड़ाव ' के संयुक्त तत्वावधान में मानजी का हत्था पावटा स्थित दैनिक जलते दीप के नए भवन में आयोजित संगोष्ठी में व्यक्त किए।