जसनाथ वाक्य
उच्चारण: [ jesnaath ]
उदाहरण वाक्य
- तहसील के ग्राम भरपालसर में मंगतुनाथमण्डा परिवार द्वारा सिद्धाचार्य गुय जसनाथ जी महाराज का लोक संगीतमय जम्मा मंगलवार की सांय को हेागा। आयोजिम...... और जाने > >
- सामान्य जनता शराब, मांस एवं उन्मुक्त वातावरण की और तेजी से बढ़ रही थी उस समय [[राजस्थान]] में जसनाथ संप्रदाय ने इस आंधी को रोका.
- सती कालो की बहन प्यारल देवी को [[Malasar | मालासर]] भेजा. संवत 1551 में जसनाथजी ने [[चुरू]] में जसनाथ संप्रदाय की स्थापना कर दी थी.
- इसी जसनाथ के नाम पर जसनाथी सम्प्रदाय हुआ. २श्री सूर्य शंकर जी के अनुसार-राजस्थान में सिद्धों के दो हज़ार घर हैं, पाँचठिकाने, बारह धाम, चौरासी बाड़ी और एक सौ आठ स्थापना हैं.
- महंत सूरजनाथ योगी के सान्निध्य में इस महायज्ञ में जसनाथ विद्या पीठ माध्यमिक विद्यालय, नेहरू शिक्षण संस्थान महर्षि शिक्षण संस्थान, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने रुचिपूर्ण व उत्साह से भाग लिया।
- २. माघ शुक्ला सप्तमी को जसनाथ जी के शिष्य हांसूजी में जसनाथ जी को ज्योति प्रकट होने की स्मृति में मनाते हैं. ३. चैत में दो पर्व-चैत्र सुदी चौथ को सती जी का और तीन दिन बाद सप्तमी को जसनाथ जी का पर्व मनाया जाता है.
- २. माघ शुक्ला सप्तमी को जसनाथ जी के शिष्य हांसूजी में जसनाथ जी को ज्योति प्रकट होने की स्मृति में मनाते हैं. ३. चैत में दो पर्व-चैत्र सुदी चौथ को सती जी का और तीन दिन बाद सप्तमी को जसनाथ जी का पर्व मनाया जाता है.
- २. माघ शुक्ला सप्तमी को जसनाथ जी के शिष्य हांसूजी में जसनाथ जी को ज्योति प्रकट होने की स्मृति में मनाते हैं. ३. चैत में दो पर्व-चैत्र सुदी चौथ को सती जी का और तीन दिन बाद सप्तमी को जसनाथ जी का पर्व मनाया जाता है.
- हम यहाँ पर राजस्थान के प्रमुख संत और संप्रदाय के बारे में एक संक्षिप्त सारणी प्रस्तुत कर रहे है ……ये जानकारी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिहाज से बेहद उपयोगी साबित होगी ऐसी हमें उम्मीद है………हम आप से अपने सुझावों की अपेक्षा करते है | पंथ या संप्रदाय प्रवर्तक संत प्रमुख पीठ जसनाथी संप्रदाय जसनाथ जी [...]
- 47 / ref > इनके तीन मुख्य पर्व हैं ref > डॉ महेंद्र सिंह आर्य, धर्मपाल सिंह डूडी, किशन सिंह फौजदार & विजेंद्र सिंह नरवार: आधुनिक जाट इतिहास, आगरा 1998, खंड 9 pp. 47-48 / ref >-१. जसनाथ जी द्वारा समाधि लेने के दिन यानि जसनाथ जी का निर्वाण पर्व आश्विन शुक्ला सप्तमी को मनाया जाता है.