ज़िया-उल-हक़ वाक्य
उच्चारण: [ jeiyaa-ul-hek ]
उदाहरण वाक्य
- ये ज़ुल्मत नहीं तो क्या है? ये पाकिस्तान का सबसे तश्विशनाक मरहला था, ऐसे में क़ौमी सलामती के लिए आगे बढ़े हज़रत जनरल ज़िया-उल-हक़, (रहमतुल्लाह अलह) ।
- अनेक राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाज़े गये फ़राज़ को तब जेल भेज दिया गया था जब वे एक मुशायरे में ज़िया-उल-हक़ काल के मिलिटरी राज़ की आलोचना करते पाये गये थे।
- ज़िया-उल-हक़ ने पीएनए में शामिल धार्मिक पार्टियों का समर्थन पाने के लिए उन्हें मार्शल लॉ सरकार में मंत्री पद दिए, मगर भुट्टो की फांसी के बाद ये मंत्रालय वापस ले लिए गए.
- इख्तियार में आते ही बेनज़ीर ने इस मुल्क को वो लूटा, वो खाया कि जो लोग ज़िया-उल-हक़ के दौर में बंगलों में रिहाइश पज़ीर थे, अब सड़कों पर रुलने लगे।
- इसे समझने के लिएहमें ‘ गुबारे-अय्याम ' में संकलित ‘ तराना-2 ' (1982) सुनना / पढ़ना चाहिए जिसे फै़ज़ ने जनरल ज़िया-उल-हक़ की सैनिक तानाशाही के जमाने में लिखा।
- ग़ौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री ज़ुल्फ़िक़ार भुट्टो ने धार्मिक दलों की इच्छा पर शराब ख़रीदने, बेचने और पीने पर पाबंदी लगाने का फ़ैसला लिया था और सैन्य शासक जनरल ज़िया-उल-हक़ ने उस पर अमल करवाया.
- 1970 के चुनाव में पश्चिमी पाकिस्तान में ज़ुल्फ़िकार भुट्टो भारी बहुमत के साथ सत्ता में आए, लेकिन साढे़ पाँच साल बाद सेना ने ज़िया-उल-हक़ के नेतृत्व में एक बार फिर सत्ता पर क़ब्ज़ा कर लिया.
- परिणाम यह् है कि पाकिस्तान आज तक यह फैसला नहीं कर पाया कि उसका असली अस्तित्व क्या है! बांग्लादेश के जन्म के बाद् ज़िया-उल-हक़ के शासन मे इस्लाम को छोड कोई और विचारधारा नही बची।
- इस फ़नकार को जनरल “ अयूब खान ” ने “ तमगा-ए-इम्तियाज ”, जनरल “ ज़िया-उल-हक़ ” ने “ प्राइड औफ़ परफारमेंश ” और जनरल “ परवेज मु्शर्रफ़ ” ने “ हिलाल-ए-इम्तियाज ” से नवाजा है।
- अयाज़ अमीर ने किसी ख़ास क़ानून का नाम लिए बिना अभिनेत्री से शराब मिलने की ख़बर पर कहा, “अब भी वक़्त नहीं गया और संसद को मिलकर ज़िया-उल-हक़ के दौर के नियमों की समीक्षा करनी चाहिए.