ज्वारभाटा बल वाक्य
उच्चारण: [ jevaarebhaataa bel ]
उदाहरण वाक्य
- खगोलशास्त्रियों का विशवास है के सौर मंडल के पाँचवे ग्रह बृहस्पति के प्राकृतिक उपग्रह यूरोपा की बर्फीली सतह के नीचे एक पानी का समुद्र है जिसे बृहस्पति का भयंकर ज्वारभाटा बल गूंथता रहता है।
- खगोलशास्त्रियों का विशवास है के सौर मंडल के पाँचवे ग्रह बृहस्पति के प्राकृतिक उपग्रह यूरोपा की बर्फीली सतह के नीचे एक पानी का समुद्र है जिसे बृहस्पति का भयंकर ज्वारभाटा बल गूंथता रहता है।
- मॅजलॅनिक बादलों का गहरा अध्ययन करने के बाद वैज्ञानिक इस नतीजे पर पहुँचे हैं के यह दोनों कभी डंडीय सर्पिल आकाशगंगाएँ हुआ करती थीं जिन्हें क्षीरमार्ग के शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण से पैदा हुए ज्वारभाटा बल ने तोड़-मरोड़ के बेढंगी आकाशगंगाएँ बना डाला है।
- मॅजलॅनिक बादलों का गहरा अध्ययन करने के बाद वैज्ञानिक इस नतीजे पर पहुँचे हैं के यह दोनों कभी डंडीय सर्पिल गैलेक्सियाँ हुआ करती थीं जिन्हें आकाशगंगा के शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण से पैदा हुए ज्वारभाटा बल ने तोड़-मरोड़ के बेढंगी गैलेक्सियाँ बना डाला है।
- वैज्ञानिक मानते हैं के इनका कारण यह है के शनि का भयंकर गुरुत्वाकर्षण अपने ज्वारभाटा बल से ऍनसॅलअडस को गूँधता है जिस से उसकी काफ़ी बर्फ़ पिघली हुई रहती है और कुछ फट कर इन फव्वारों के रूप में देखी जाती है।
- मॅजलॅनिक बादलों का गहरा अध्ययन करने के बाद वैज्ञानिक इस नतीजे पर पहुँचे हैं के यह दोनों कभी डंडीय सर्पिल आकाशगंगाएँ हुआ करती थीं जिन्हें क्षीरमार्ग के शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण से पैदा हुए ज्वारभाटा बल ने तोड़-मरोड़ के बेढंगी आकाशगंगाएँ बना डाला है।
- माना जाता है के हलके रंग के क्षेत्रों में नई बर्फ़ की मात्रा अधिक है और इन इलाक़ों में खाइयाँ और चट्टानें मौजूद हैं जिनकी वजह बृहस्पति के भयंकर गुरुत्वाकर्षण से पैदा हुए ज्वारभाटा बल द्वारा की गयी उथल-पुथल को बताया जाता है।
- माना जाता है के हलके रंग के क्षेत्रों में नई बर्फ़ की मात्रा अधिक है और इन इलाक़ों में खाइयाँ और चट्टानें मौजूद हैं जिनकी वजह बृहस्पति के भयंकर गुरुत्वाकर्षण से पैदा हुए ज्वारभाटा बल द्वारा की गयी उथल-पुथल को बताया जाता है।
- उनकी सोच है के जब भी सतह किसी उल्कापिंड के गिरने से फटती है या उसमें बृहस्पति के ज्वारभाटा बल की खींचातानी से दरारें पड़ती हैं, तो नीचे से सागर के पानी से सम्पर्क रखने वाली गर्म बर्फ़ ऊपर आ जाती है और सख़्ती से जमकर घाव भर देता है।
- उनकी सोच है के जब भी सतह किसी उल्कापिंड के गिरने से फटती है या उसमें बृहस्पति के ज्वारभाटा बल की खींचातानी से दरारें पड़ती हैं, तो नीचे से सागर के पानी से सम्पर्क रखने वाली गर्म बर्फ़ ऊपर आ जाती है और सख़्ती से जमकर घाव भर देता है।