तमस् वाक्य
उच्चारण: [ tems ]
उदाहरण वाक्य
- .-= दिनेशराय द्विवेदी's last blog..प्रकृति के तीन गुण सत्, रजस और तमस् क्या हैं?
- प्रकृति को सत्व, रजस् और तमस् इन तीन गुणों से निर्मित कहा गया है।
- अंत तक सत्तव, रजस् और तमस् तीनों गुण रहेंगे तब समष्टिरूप में लोक के बीच
- फिर पृथ्वी और उसके समान अन्य लोकों की रचना में तमस् का प्राधान्य रहता है।
- वस्तु स्थिर होती है तब उसमें तमस् प्रधान होता है रजस् एवं सत्व गौण रूप
- जड़ प्रकृति सत्व, रजस एवं तमस्-इन तीनों गुणों की साम्यावस्था का नाम है।
- असुर से मिलता है, तमस् से मिलता है तो मन नीची योनियों में जाता है।
- वह सत्व, रजस्, और तमस् इन तीन गुणों की साम्यावस्था का नाम प्रकृति है।
- ये अणु छाया, आतप, तमस् तथा शब्द के रूप में परिणत होते रहते हैं।
- अतः सत्त्व गुण सुख का, रजस् गुण कर्म का और तमस् गुणअज्ञान का द्योतक माना जाता है.