दनु वाक्य
उच्चारण: [ denu ]
उदाहरण वाक्य
- इस प्रकार महर्षि कश्यप की अदिति, दिति, दनु, काष्ठा, अरिष्टा, सुरसा, इला, मुनि, क्रोधवशा, ताम्रा, सुरभि, सुरसा, तिमि, विनता, कद्रू, पतांगी और यामिनि आदि पत्नियां बनीं।
- इस प्रकार महर्षि कश्यप की अदिति, दिति, दनु, काष्ठा, अरिष्टा, सुरसा, इला, मुनि, क्रोधवशा, ताम्रा, सुरभि, सुरसा, तिमि, विनता, कद्रू, पतांगी और यामिनी आदि पत्नियां बनीं।
- इसी प्रकार दनु से दानव; विनता से गरुड़ और अरुण ; कद्रू से नाग, मुनि तथा गंधर्व ; रवसा से यक्ष और राक्षस; क्रोध से कुल्याएँ; अरिष्टा से अप्सराएं ; इरा से ऐरावत हाथी ; श्येनी से श्येन तथा भास, शुक आदि पक्षी उत्पन्न हुए।
- यह निश्चित हुआ कि असुरा गण दजला और फरात नदियों के बीच वाले समस्त भू-भाग पर अपना साम्राज्य स्थापित करें और दानव लोग जो जननी दनु की संतान थे, मध्य क्षेत्र की उस तीव्र गति से बहती हुयी नदी, जिसका नामकरण दनूब हुआ था के उस पार के समस्त भू-क्षेत्र पर अपना अधियत्य जमायें।
- कश्यप की पत्नी अदिति से आदित्य (देवता), दिति से दैत्य, दनु से दानव, काष्ठा से अश्व आदि, अरिष्ठा से गंधर्व, सुरसा से राक्षस, इला से वृक्ष, मुनि से अप्सरागण, क्रोधवशा से सर्प, ताम्रा से श्येन-गृध्र आदि, सुरभि से गौ और महिष, सरमा से श्वापद (हिंस्त्र पशु) और तिमि से यादोगण (जलजंतु) की उत्पत्ति हुई।
- यह निश्चित हुआ कि असुरा गण दजला और फरात नदियों के बीच वाले समस्त भू-भाग पर अपना साम्राज्य स्थापित करें और दानव लोग जो जननी दनु की संतान थे, मध्य क्षेत्र की उस तीव्र गति से बहती हुयी नदी, जिसका नामकरण दनूब हुआ था के उस पार के समस्त भू-क्षेत्र पर अपना अधियत्य जमायें।
- महर्षि कश्यप को उनकी पत्नी दनु के गर्भ से द्विमुर्धा, शम्बर, अरिष्ट, हयग्रीव, विभावसु, अरूण, अनुतापन, धूम्रकेश, विरूपाक्ष, दुर्जय, अयोमुख, शंकुशिरा, कपिल, शंकर, एकचक्र, महाबाहु, तारक, महाबल, स्वर्भानु, वृषपर्वा, महाबली पुलोम और विप्रचिति आदि 61 महान् पुत्रों की प्राप्ति हुई।
- कश्यप की पत्नी अदिति से आदित्य (देवता), दिति से दैत्य, दनु से दानव, काष्ठा से अश्व आदि, अरिष्ठा से गंधर्व, सुरसा से राक्षस, इला से वृक्ष, मुनि से अप्सरागण, क्रोधवशा से सर्प, ताम्रा से श्येन-गृध्र आदि, सुरभि से गौ और महिष, सरमा से श्वापद (हिंस्त्र पशु) और तिमि से यादोगण (जलजंतु) की उत्पत्ति हुई।
- जिनमे से तेरह कन्याएँ ऋषि कश्यप की पत्नियाँ बनीं और मुख्यत: इन्हीं कन्याओं से सृष्टि का विकास एवं निर्माण हुआ माना गया तथा ऋषि कश्यप सृष्टिकर्ता कहलाए, इसी प्रकार भागवत के अनुसार दक्ष प्रजापति ने अपनी तेरह कन्याओं का विवाह ऋषि कश्यप के साथ किया था कश्यप की पत्नीयाँ इस प्रकार हैं अदिति, दिति, दनु, काष्ठा, अरिष्टा, सुरसा, इला, मुनि, क्रोधवशा, ताम्रा, सुरभि, सुरसा, तिमि, विनता, कद्रू, पतांगी और यामिनी.