दरिया दिल वाक्य
उच्चारण: [ deriyaa dil ]
उदाहरण वाक्य
- बहुत दरिया दिल था वो शख्स छीन कर आँख वो चराग दिखता ही रहा दर्दे दिल आँख से बह कर निकले हाल पे मेरे वो चुपचाप मुस्कुराता ही रहा दिखाया जब भी उसको जख्मे जिगर नोक से काँटों की मरहम वो लगता ही रहा बह गई मै भी तेरी चाहत में ' अनु' इश्क दरिया है लोगो को...
- मुझे यह कतई पसंद नहीं है इसलिए मैंने भी अब निर्णय लिया है कि ब्लॉग पोस्ट अगर पढने लायक रही तो पढ़ जरुर लूँगा मगर टिप्पणी तो वहीं करना है जो हमारे यहाँ भी भले ही भूले भटके आता रहे....नहीं तो हम भी इतने दरिया दिल काहें बने.....शठे शाठ्यम समाचरेत...यह संस्कृत उक्ति तो है ही मार्ग दिखाने को:)
- कल तक जो एक हाथ में तलवारें और दूसरे हाथ में धर्म ध्वजा लेकर विधर्मियों को ललकार रहे थे, वे अचानक इतने दरिया दिल कैसे हो गए? तरुण विजय की किताब 'सैफरन सर्ज' के विमोचन के मौक़े पर सर संघचालक सुदर्शन जी ने पैगम्बर हजरत मोहम्मद को न केवल अरब एकता का सूत्रधार बताया बल्कि उन्हें शांति का मसीहा कह कर उनकी तारीफ भी की।
- कल तक जो एक हाथ में तलवारें और दूसरे हाथ में धर्म ध्वजा लेकर विधर्मियों को ललकार रहे थे, वे अचानक इतने दरिया दिल कैसे हो गए? तरुण विजय की किताब ' सैफरन सर्ज ' के विमोचन के मौक़े पर सर संघचालक सुदर्शन जी ने पैगम्बर हजरत मोहम्मद को न केवल अरब एकता का सूत्रधार बताया बल्कि उन्हें शांति का मसीहा कह कर उनकी तारीफ भी की।
- दूसरे लफज़ों में दरिया दिल के एक किनारे दुनिया के सब रिश्तादार और दूसरी तरफ इन्सान का अपना जिस्म व रूह (सूरज) और चश्म व सिर (सनीचर व बुध) बैठे हैं और दिल दरिया उन दोनों के दरमियान चलता हुआ दोनों तरफ में अपनी शान्ति से उम्र बढ़ा रहा है या जिस्म इन्सानी को बृहस्पत की हवा के सांस से हरकत में रखने वाली चीज़ यही दिल है।
- स्बसे पेहले तो में दरिया दिल वालो को बता दु इतना ही रहम आरहा है आपको तो जाकर उनके घ्ररवालो से पूछो जिन्होने अपनी बेटी को आंखो के आगे मरते हुए देखा क्या बीत रही होगी / उस बिचारी लड़की पर क्या कसूर था क्या बिगाड़ा था उसने उन चारो का इतने ज्यदा वेहशी दरिन्दे जानवरों को भी मात देदी इन्होने तो और जब जानवर दरिंदा होजाता है तो उससे मरना ही पड़ता है और ये और ये चार इन्सान नै दरिन्दे है.
- काहे सुनेगें मौका जो मिला है टीआर पी का इस आंदोलन में मीडिया की जो भूमिका है वो देश में आरजकता फैलाने की थी लेकिन भला हो इस देश के लोगों का जो मीडिया को जमकर-अरे दस लोग जलूस लेकर क्या निकल रहे थे पूरा शहर ही आंदोलन की चपेट में दिखा रहे थे, हां मीडिया के इस नेक दरिया दिल का फायदा कुछ लोगों ने खुब उठाया नंगे होकर फोटो खिचवाएं को कई यज्ञ किया मीडिया चिखती रही लोग फोटो खिचवाते रहे भले उन्हे जनलोकपाल और लोकपाल में क्या अंतर मालूम यह पता नही हो ।