दृष्टि पटल वाक्य
उच्चारण: [ deriseti petl ]
उदाहरण वाक्य
- जब भी हम कोई वस्तु देखते हैं तो प्रकाष की समानांतर किरणें पारदर्शक पटल और नेत्रमणि से होकर दृष्टि पटल यानि रेटिना पर केंद्रित होती हैं, इस तरह से वस्तु का प्रतिबिंब बनता है।
- जिस प्रकार मैमरा चारों ओर से काला होता है तथा चित्र खींचते समय काले कपड़े से ढँक लिया जाता है उसी प्रकार आँख के दृष्टि पटल के चारों ओर एक काला पर्दा होता है, जिसे पिगमेंट एपीथिलियम (
- जिस प्रकार मैमरा चारों ओर से काला होता है तथा चित्र खींचते समय काले कपड़े से ढँक लिया जाता है उसी प्रकार आँख के दृष्टि पटल के चारों ओर एक काला पर्दा होता है, जिसे पिगमेंट एपीथिलियम (pigment epithelium) कहते हैं।
- और अन्ना के समर्थन में स्वत: स्फूर्त ढंग से क्यों खड़े हो गए? अब जरा अपने शहर के चौराहे अथवा धरना स्थल पर बैठे लोगों के चेहरों को एक बार पुन: अपने दृष्टि पटल के समक्ष दोहराने की कोशिश करें।
- बातेंकल रात की बात है. रोज की तरह टेबल लेम्प बुझा कर लिहाफ में दुबक कर नींद लगने का रास्ता देख रहा था.आँखे बंद कर ली थीं.मगर नींद आने कि जगह,बंद आँखों के दृष्टि पटल पर चहरे उभरने लगे.तुम्हारा चेहरा,उस-का,और मेरा भी.....फिर चल पड़ा बातों का सिलसिला.बात...
- बातेंकल रात की बात है. रोज की तरह टेबल लेम्प बुझा कर लिहाफ में दुबक कर नींद लगने का रास्ता देख रहा था.आँखे बंद कर ली थीं.मगर नींद आने कि जगह,बंद आँखों के दृष्टि पटल पर चहरे उभरने लगे.तुम्हारा चेहरा,उस-का,और मेरा भी.....फिर चल पड़ा बातों का सिलसिला.बात
- नोक से भी नुकीला अन्धकार के पहले चमकता चमकीला अन्धकार समुद्र के नीचे का एक और गहरा सम उग्र और आकाश से सुदूर एक और क्षितिज आकाश अपार दृष्टि पटल की सातवीं तह के परदे कुहासे के पार कितने मन द्वार हैं अभेद्य, कितने अनुनाद सुप्ताका र.
- उदहारण के लिए, आँखों के दृष्टि पटल (रॅटिना) पर प्रकाश पड़ने से दृश्य का बोध उत्पन्न होता है, नाक में गंध-धारी अणुओं के प्रवेश से गंध का बोध उत्पन्न होता है और कान के पर्दों पर हवा में चलती हुई दबाव तरंगों के थपेड़ों से ध्वनि का बोध होता है।
- वैसे मां और बच्चों में फर्क क्या है....-----नोक से भी नुकीला अन्धकार के पहले चमकता चमकीला अन्धकार समुद्र के नीचे का एक और गहरा सम उग्र और आकाश से सुदूर एक और क्षितिज आकाश अपार दृष्टि पटल की सातवीं तह के परदे कुहासे के पार कितने मन द्वार हैं अभेद्य, कितने अनुनाद सुप्ताकार.