देशांतर रेखा वाक्य
उच्चारण: [ deshaanetr rekhaa ]
उदाहरण वाक्य
- अब यदि पृथ्वी गोल न होकर चपटी होती तब एक ही देशांतर रेखा पर पड़ने वाले तमाम स्थानों के लिए “ सूरज का छाया कौड़ ” एगिल ऑफ़ दी सन्स शेडो यकसां (समान), एक जैसा रहता ।
- जब हम देशांतर रेखा के पार (ट्रांस-मेरिडियन त्रेविल) पूरब से पश्चिम या फ़िर पश्चिम से पूरब की पाँच घंटा या फ़िर और भी ज्यादा अवधि की हवाई-यात्रा करतें हैं तब हमारी यह जैव घड़ी गडबडा जाती है.
- ११ २ % की त्रुटि है ; देशांतर रेखा सबंधी (meridional) धरती की परिधि पर इसकी लम्बाई ३ ९, ९ ६ ३. १ ३ कि. मी. द्योतित होती है, इसमें भी ४ ०, ०० ७.
- अन् य महत् वपूर्ण झटके इस मुख् य समय के अलावे किसी भी देश में यहां तक कि हमारे ही देश के आसपास की देशांतर रेखा के 20 डिग्री अंतर पर 10 बजे रात्रि से लेकर 12 बजे रात्रि तक का भी रह सकता है।
- किन्तु उस स्थान अर्थात बीकानेर से उस समय सूर्य अंतरिक्ष में कितने अंश का कोण बना रहा होगा? यह गणित सिद्ध है क़ि एक देशांतर रेखा से दूसरी देशांतर रेखा में प्रवेश करने पर सूर्य को दश पल अर्थात चार मिनट का समय लगता है.
- किन्तु उस स्थान अर्थात बीकानेर से उस समय सूर्य अंतरिक्ष में कितने अंश का कोण बना रहा होगा? यह गणित सिद्ध है क़ि एक देशांतर रेखा से दूसरी देशांतर रेखा में प्रवेश करने पर सूर्य को दश पल अर्थात चार मिनट का समय लगता है.
- काफी अर्से से पृथ्वी पर आनेवाले भूकम्प, तूफान, ज्वालामुखी तथा अन्य प्राकृतिक आपदाओं के वक्त आसमान में ग्रहों की स्थिति का अध्ययन करने के बाद कुछ खुलासे तो हुए, पर पृथ्वी पर आक्षांस और देशांतर रेखा के निर्धारण में अभी भी कठिनाई आ ही रही है...
- काफी अर्से से पृथ्वी पर आनेवाले भूकम्प, तूफान, ज्वालामुखी तथा अन्य प्राकृतिक आपदाओं के वक्त आसमान में ग्रहों की स्थिति का अध्ययन करने के बाद कुछ खुलासे तो हुए, पर पृथ्वी पर आक्षांस और देशांतर रेखा के निर्धारण में अभी भी कठिनाई आ ही रही है
- और क्षेत्र के बारे में तो हमारा रिसर्च अभी बिल् कुल प्रारंभिक दौर से गुजर रहा है, आक्षांस के बारे में तो हम बिल् कुल ही दावा नहीं कर सकते, पर एक खास आधार का पता चलने के कारण देशांतर रेखा का कुछ अनुमान कर पाने की हिम् मत कर पाते हैं।
- उत्तर में 23 डिग्री 11 मिनट तथा पूर्व में 73 डिग्री 45 मिनट पर स्थित होने के कारण हिन्दू खगोलीय ग्रन्थ के अनुसार मुख्य भूमध्य रेखा अथवा शुन्य देशांतर रेखा उज्जैन से गुजरती है, इसलिए समय की गणना उज्जैन में सूर्योदय के द्वारा की जाती है और तदनुसार, कैलेण्डर वर्ष के आरंभ ‘