धारा नगरी वाक्य
उच्चारण: [ dhaaraa negari ]
उदाहरण वाक्य
- 900 साल उपरान्त भाग दत्त का 15 वां उत्तराधिकारी अजेयपाल ह्वे अर तिहातरवीं पीढ़ी मा प्रद्युम्न शाह ह्वेभौन पाल की जनश्रुति: भौन पाल की जनश्रुति क हिसाब से भौनपाल धारा नगरी को छौ अर हरिद्वार ऐका खेती करदो छौ.
- इतिहास के पन्नो को यदि हम पलटते है तो हमे पता चलता है कि पंवार राजपूतों के शीर्ष राजा भोज द्वारा बसाई धारा नगरी में इस वंशज के महान सम्राट राजा भोज ने 11 वीं शताब्दी में भोजशाला का निर्माण करवाया था।
- बढ़पुर के ही लोहिया ग्राम जसपालपुर धारा नगरी के प्राथमिक विद्यालय धारा नगरी में निर्माणाधीन अतिरिक्त कक्षा कक्ष में अमानक ईंट व घटिया मसाले लगाये जाने की ग्रामीणों द्वारा उपजिलाधिकारी भगवानदीन वर्मा से की गयी शिकायत पर एफआईआर के आदेश दिये गये थे।
- बढ़पुर के ही लोहिया ग्राम जसपालपुर धारा नगरी के प्राथमिक विद्यालय धारा नगरी में निर्माणाधीन अतिरिक्त कक्षा कक्ष में अमानक ईंट व घटिया मसाले लगाये जाने की ग्रामीणों द्वारा उपजिलाधिकारी भगवानदीन वर्मा से की गयी शिकायत पर एफआईआर के आदेश दिये गये थे।
- एक आम भारतीय, भारत के हृदय स्थल मध्य प्रदेश के मालवांचल में राजा भोज की धारा नगरी (वर्तमान धार शहर) में पैदा हुआ वहीं पर बचपन बीता, शिक्षा भी वहीं पर हुई, और अब यहीं मालव माटी पर देवी अहिल्या के इन्दौर शहर में वेबदुनिया में कार्यरत हूँ।
- किस तरह खिलो को जंगरोधी किया जाये जिससे नाव को पानी में सुरक्षित रखा जा सकता था! इसके अत्रिरिक्त उन्होंने रोबोटिक्स पर भी कम किया था! उन्होंने धारा नगरी के तालाबो में यन्त्र चालित पुतलियो का निर्माण करवाया था जो तालाब में नृत्य करती थी!
- एक आम भारतीय, भारत के हृदय स्थल मध्य प्रदेश के मालवांचल में राजा भोज की धारा नगरी (वर्तमान धार शहर) में पैदा हुआ वहीं पर बचपन बीता, शिक्षा भी वहीं पर हुई, और अब यहीं मालव माटी पर देवी अहिल्या के इन्दौर शहर में वेबदुनिया में कार्यरत हूँ।
- प्रदेश भाजपा सरकार रहने पर राजा भोज की धारा नगरी वर्तमान धार शहर में राजा भोजशाला की तथा कथित मुक्ति को लेकर कई बार हिन्दुवादी संगठनो की यहां पर रीति-नीति बनती है लेकिन कोई भी हिन्दु नेता उस मूर्ति के लिए कभी कोई नीति-रीति नहीं बनाता है।
- एक आम भारतीय, भारत के हृदय स्थल मध्य प्रदेश के मालवांचल में राजा भोज की धारा नगरी (वर्तमान धार शहर) में पैदा हुआ वहीं पर बचपन बीता, शिक्षा भी वहीं पर हुई, और अब यहीं मालव माटी पर देवी अहिल्या के इन्दौर शहर में वेबदुनिया में कार्यरत हूँ।
- पंवारों की रियासत धारानगरी पर मुगलो शासको के के लगातार आक्रमणों से लड़ती थकी हारी एवं धर्म परिवर्तन के डर से घबराई पंवारों राजपूतो की फौज ने जानमाल की सुरक्षा के लिए धारा नगरी को छोडना उचित समझा धारा नगरी छोड़ कर गोंड़वाना क्षेत्र में आकर बसे पंवार राजपूतो के वंशजो ने इस क्षेत्र में स्वंय की पहचान को छुपा कर स्वंय की पहचान भोयर जाति के रूप में कराई और वे यही पर बस गये.