नन्द वंश वाक्य
उच्चारण: [ nend vensh ]
उदाहरण वाक्य
- इसकी स्थापना का श्रेय चन्द्रगुप्त मौर्य और उसके मन्त्री कौटिल्य को दिया जाता है, जिन्होंने नन्द वंश के सम्राट घनानन्द को पराजित किया।
- इसकी स्थापना का श्रेय चन्द्रगुप्त मौर्य और उसके मन्त्री कौटिल्य को दिया जाता है, जिन्होंने नन्द वंश के सम्राट घनानन्द को पराजित किया।
- नन्द वंश केवल चाणक्य के समय में ही नहीं था हर काल में रहता है और उसका हर काल में विनाश हुआ है.
- इसकी स्थापना का श्रेय चन्द्रगुप्त मौर्य और उसके मन्त्री चाणक्य (कौटिल्य) को दिया जाता है, जिन्होंने नन्द वंश के सम्राट घनानन्द को पराजित किया।
- मौर्यकाल से पहले 362 ईसापूर्व उत्तर भारत में नन्द वंश का ही शासन था जिसके राज्य की सीमाएं पाटलीपुत्र से लेकर तक्षशिला तक फैली थीं।
- इसमें नन्द वंश एवं मौर्य वंश के साथ-साथ शंकराचार्य, तैमूर, बाबर हुमायूँ, अकबर, औरंगजेब, पृथ्वीराज चौहान तथा छत्रपति शिवाजी के बारे में बताया गया है।
- पूर्व ३ २ ४-३ ००) नन्द वंश के राजा को गद्दी से हटाकर चाणक्य की सहायता से मगध की गद्दी पर आसीन हुए।
- इसकी स्थापना का श्रेय चन्द्रगुप्त मौर्य और उसके मन्त्री चाणक्य (कौटिल्य) को दिया जाता है, जिन्होंने नन्द वंश के सम्राट घनानन्द को पराजित किया।
- नन्द वंश के अत्याचारी राजा के बैर के कारण बालक विष्णुगुप्त का बचपन बड़ा कष्टमय बीता, लेकिन उन्होंने विद्या का मार्ग पकड़ा और तक्षशिला आ गए.
- इसमें नन्द वंश एवं मौर्य वंश के साथ-साथ शंकराचार्य, तैमूर, बाबर हुमायूँ, अकबर, औरंगजेब, पृथ्वीराज चौहान तथा छत्रपति शिवाजी के बारे में बताया गया है।