नाथपंथ वाक्य
उच्चारण: [ naathepneth ]
उदाहरण वाक्य
- कहते हैं नाथपंथ के बाबा गोरखनाथ ने यहाँ कुछ काल तक वास किया था और यह एक सिद्धभूमि है।
- इस रूप को ही आगे चलकर सिद्धपंथ, शैवपंथ, नाथपंथ वैष्णव और शाक्त पंथियों ने अपने-अपने तरीके से विस्तार दिया।
- नाथपंथ के जोगी कान की लौ में बड़े-बड़े छेद करके स्फटिक के भारी-भारी कुंडल पहनते हैं, इससे कनफटे कहलाते हैं।
- इसके बाद शुक्ल जी नाथपंथ की चर्चा करते हैं, उनका मानना है कि गोरखनाथ के नाथपंथ का मूल भी वज्रयान शाखा थी।
- इसके बाद शुक्ल जी नाथपंथ की चर्चा करते हैं, उनका मानना है कि गोरखनाथ के नाथपंथ का मूल भी वज्रयान शाखा थी।
- हमने देखा था कि शब्द चाहें नाथपंथ से लें, चाहे इस्लाम से, उन शब्दों से जो वाक्य रचते हैं, वह कबीर का अपना है।
- नामदेव की रचना के आधार पर यह कहा जा सकता है कि ' निर्गुणपंथ ' के लिए मार्ग निकालनेवाले नाथपंथ के योगी और भक्त नामदेव थे।
- यह देवी का मंदिर आज भी विद्यमान है, जैसलमेर में विभिन्न संप्रदायों के प्रति बहुत आस्था रही है, इनमें राम स्नेही, नाथपंथ तथा वल्लभ संप्रदाय प्रमुख हैं।
- नाथपंथ का योगमार्ग जन साधारण के लिये सहज साध्य न होने के कारण ज्ञानेश्वर ने उसे भक्ति का अधिष्ठान देकर ईश्वरभक्ति रूपी नेत्रों से युक्त कर दिया।
- सर्वे तत्रा लयं योति यत्रा देवो निरंजन: ' नाद ' और ' बिंदु ' क्या है, यह नाथपंथ के प्रपंच में दिखाया जा चुका है।