नायिका-भेद वाक्य
उच्चारण: [ naayikaa-bhed ]
उदाहरण वाक्य
- नायिका-भेद विषय को और भी व्यापक रूप दिया केशवदास (1520-1601) ने, जो ओरछा नरेश मधुकर शाह के दरबारी कवि थे।
- बिहारी द्वारा रचित सतसई में सात सौ दोहे हैं, जिनमें नायिका-भेद को उत्कृष्ट ढंग से पेश किया गया है।
- नायिका-भेद विषय को और भी व्यापक रूप दिया केशवदास (1520-1601) ने, जो ओरछा नरेश मधुकर शाह के दरबारी कवि थे।
- हाँ, यह बात अवश्य है कि नायिका-भेद करते समय आचार्यों ने अत्यधिक सूक्ष्म मानवीय प्रेमभावों की विवेचना की है.
- बिहारी द्वारा रचित सतसई में सात सौ दोहे हैं, जिनमें नायिका-भेद को उत्कृष्ट ढंग से पेश किया गया है।
- विशेषः ब्रजभाषा के कवि, समीक्षक, व्याकरण, साहित्य-शास्त्र, रस-रीति, अलंकार, नायिका-भेद और पिंगल के मर्मज्ञ।
- नायिका-भेद के बीचो-बीच गिरिजेश भईया बैठे हैं-हम क्या जानें! छूट ही गयी थी, यह चर्चा ।
- रसखान के काव्य में भावपक्ष के अंतर्गत आलम्बन-निरूपण, नायिका-भेद, संचारी भाव, उद्दीपन विभाव आदि का वर्णन है
- केवल ‘ नायिका-भेद ' शीर्षक लेख में जो विद्वान सम् पादक महोदय का लिखा हुआ है, थोड़ी-सी त्रुटि रह गयी है।
- नन्ददास द्वारा ‘रसमंजरी ' जैसा नायिका-भेद संबंधी ग्रंथ लिखा जाना तथा तुलसी द्वारा “धुनि अवरेब कवित गुन जाती मीन मनोहर ते बहु भांति”