नासिकाओं वाक्य
उच्चारण: [ naasikaaon ]
उदाहरण वाक्य
- उत्तराखण्ड की तामाम नदियां लगभग 917 में से 665 (427 अललकनन्दा और 238 भागीरथी के) ग्लेशियों की नासिकाओं (स्नाउट) के रिसाव से निकले पानी से धीरे-धीरे अपना आकर लेती हैं।
- जब इनका क्रम एक नासिका से दूसरी नासिका में परिवर्तित होना होता है तो उस समय थोड़ी देर के लिए दोनों नासिकाओं से साँस समान रूप से चलती है और तब उसे सुषुम्ना स्वर कहा जाता है।
- पूरा शरीर ढीला छोड़ने के बाद सबसे पहले मन को श्वास-प्रश्वास के ऊपर लगाते हैं और हम मन के द्वारा यह महसूस करते हैं कि दोनों नासिकाओं से श्वास अंदर जा रही है तथा बाहर आ रही है।
- अब नासिकाओं (नाक) के द्वारा धीरे-धीरे लम्बी सांस लें और साथ ही मन में विचार (भावना) करें कि-'' मेरे द्वारा अंदर खींची गई वायु शरीर के जिस अंग में पहुंचती जा रही है, उस अंग की कमजोरी दूर होकर उसमें शक्ति का विकास हो रहा है।
- प्रश्न: स्वर योग क्या होता है कृपया करके इसे समझाएं? श्री श्री रवि शंकर: सबसे पहले नाडी शोधन प्राणायाम करें और प्राणायाम के द्वारा स्वयं के गहन में उतर कर देखें फिर आप महसूस कर सकेंगे कि दिन भर में दोनों नासिकाओं के मध्य मे कैसे श्वास बदलती रहती है |
- बाहरी स्पर्शों को बाहर कर, अपनी दृष्टि को अन्दर की ओर भ्रुवों के मध्य में लगाये, प्राण और अपान का नासिकाओं में एक सा बहाव कर, इन्द्रियों, मन और बुद्धि को नियमित कर, ऍसा मुनि जो मोक्ष प्राप्ति में ही लगा हुआ है, इच्छा, भय और क्रोध से मुक्त, वह सदा ही मुक्त है।
- मत्स्य आगम तंत्रों के अनुसार इडा (बायाँ नासिका) और पिंगला (दायाँ नासिका) से स्वास का लेना हीं ये दो मत्स्य हैं | योगिगन इन दोनों नासिकाओं के स्वांसो का विलय कर के सुषुम्ना नाडी (दोनों नासिकाओं से साँसों का साथ साथ चलना) को चलाते हैं जिससे कुण्डलिनी शक्ति जाग्रत होने में मदद मिलती है | इसका भी वर्तमान में गलत अर्थ लिया जाता है |
- मत्स्य आगम तंत्रों के अनुसार इडा (बायाँ नासिका) और पिंगला (दायाँ नासिका) से स्वास का लेना हीं ये दो मत्स्य हैं | योगिगन इन दोनों नासिकाओं के स्वांसो का विलय कर के सुषुम्ना नाडी (दोनों नासिकाओं से साँसों का साथ साथ चलना) को चलाते हैं जिससे कुण्डलिनी शक्ति जाग्रत होने में मदद मिलती है | इसका भी वर्तमान में गलत अर्थ लिया जाता है |