न्यायसूत्र वाक्य
उच्चारण: [ neyaayesuter ]
उदाहरण वाक्य
- न्यायसूत्र के पश्चात् का जो साहित्य उपलब्ध है, उन सबमें ‘न्यायभाष्य' का प्रथम स्थान माना जाता है।
- इसके प्रवर्तक ऋषि अक्षपाद गौतम हैं जिनका न्यायसूत्र इस दर्शन का सबसे प्राचीन एवं प्रसिद्ध ग्रन्थ है।
- आज न्यायसूत्र का जो रूप दिखाई देता है, उसका पूर्ण रूप दूसरी सदी में सम्पन्न हुआ।
- योगसूत्र | न्यायसूत्र | वैशेषिक सूत्र | सांख्य सूत्र | मीमांसा सूत्र | ब्रह्म सूत्र | विविध...
- न्यायसूत्र के पश्चात् का जो साहित्य उपलब्ध है, उन सबमें ‘न्यायभाष्य' का प्रथम स्थान माना जाता है।
- न्यायसूत्र पाँच अध्यायों में विभक्त है जिनमें प्रमाणादि षोडश पदार्थों के उद्देश्य, लक्षण तथा परीक्षण किये गये हैं।
- जी. ओबर हैमर का कहना है कि न्यायसूत्र के पहले और आखिरी (पांचवें) अध्याय का काल बहुत ही प्राचीन है।
- गौतम ने न्यायसूत्र में कहा है कि इंद्रिय के द्वारा किसी पदार्थ का जो ज्ञान होता है, वही प्रत्यक्ष है ।
- जी. ओबर हैमर का कहना है कि न्यायसूत्र के पहले और आखिरी (पांचवें) अध्याय का काल बहुत ही प्राचीन है।
- अक्षपाद गोतम या गौतम (३०० ई०) का न्यायसूत्र पहला ग्रंथ है, जिसमें तथाकथित तर्कशास्त्र की समस्याओं पर व्यवस्थित ढंग से विचार किया गया है।