परशुराम की प्रतीक्षा वाक्य
उच्चारण: [ pershuraam ki pertikesaa ]
उदाहरण वाक्य
- इस अवसर पर अर्पणा दीप्ति ने दिनकर के व्यक्तित्व और विचारधारा, डॉ. पी. श्रीनिवास राव ने उनकी कृति ‘ कुरुक्षेत्र ', डॉ. बलविदंर कौर ने ‘ परशुराम की प्रतीक्षा ', डॉ. जी. नीरजा ने ‘ उर्वशी ' और डॉ. मृत्युंजय सिंह ने ‘ संस्कृति के चार अध्याय ' पर केंद्रित आलेख प्रस्तुत किए तो डॉ. साहिराबानू बी. बोरगल ने ‘ दिनकर की डायरी ' के विविध प्रसंगों पर प्रकाश डाला।
- हिन्दी के एक मूर्धन्य कवि जिन्हें राष्ट्रकवि की उपाधि प्राप्त है, हिन्दुस्तान की हजारों वर्षों की सहनशीलता को नये नजरियें से देखने के लिये अनेक तल्ख कविताएं रच डाली जिसमें “ हुंकार ” और “ परशुराम की प्रतीक्षा ” संकलन उल्लेखनीय हैं, में से किसी एक में उन्होंने बहुत बड़ी बात कह कर हमें पुनः सोचने को विव श किया हैः-“ क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो, उसको क्या जो दंतहीन विषहीन विनीत सरल हो । ”