पाइथागोरस प्रमेय वाक्य
उच्चारण: [ paaithaagaores permey ]
उदाहरण वाक्य
- यह श्लोक करीब ८०० ई. पू. में रचित बौधायन सुल्वसूत्र के प्रथम अध्याय का अड़तालीसवां श्लोक है और भारतीय गणितज्ञ बौधायन की उस प्रमेय का कथन है जो पाइथागोरस प्रमेय के नाम से अधिक प्रचलित है!
- इस प्रमेय को आजकल के विद्यार्थियों को पाइथागोरस प्रमेय नाम से पढ़ाया जाता है, जबकि यूनानी गणितज्ञ पाइथागोरस से कम से कम एक हजार साल पहले बोधायन ने इस प्रमेय का वर्णन किया है।
- ज्यामिति के लिए थाबित का एक अन्य महत्वपूर्ण योगदान उनके द्वारा पाइथागोरस प्रमेय का सामान्यीकरण है, जिसमें उन्होंने एक सामान्य प्रमाण के साथ विशेष समकोणों को आम तौर पर सभी त्रिकोणों में विस्तारित किया था.
- इसमें पाइथागोरस प्रमेय (आयत के किनारों के लिए) का सामान्य कथन भी शामिल है: “एक आयत के विकर्ण की लम्बाई के साथ-साथ खींची गयी डोरी वह क्षेत्रफल बनाती है जो ऊर्ध्वाधर और क्षैतिज किनारे साथ मिलकर बनाते हैं.”
- समकोण त्रिभुज की भुजाओं की लम्बाई में मध्य निश्चित सम्बन्ध प्रकट करने वाले सूत्र को 572-501 ई. प ू. के गणित के नाम पर पाइथागोरस प्रमेय (Pythagoras theorem) के नाम से जाना जाता है।
- इस पुस्तक में पाइथागोरस प्रमेय के लिए सचित्र प्रमाण प्रस्तुत किये गए थे, साथ ही समकोण त्रिभुज के गुणों पर झाऊ के पूर्व ड्यूक और शांग गाओ के बीच एक लिखित संवाद और पाइथागोरस प्रमेय भी संलग्न था.
- इस पुस्तक में पाइथागोरस प्रमेय के लिए सचित्र प्रमाण प्रस्तुत किये गए थे, साथ ही समकोण त्रिभुज के गुणों पर झाऊ के पूर्व ड्यूक और शांग गाओ के बीच एक लिखित संवाद और पाइथागोरस प्रमेय भी संलग्न था.
- इस पुस्तक में पाइथागोरस प्रमेय [26] के लिए सचित्र प्रमाण प्रस्तुत किये गए थे, साथ ही समकोण त्रिभुज के गुणों पर झाऊ के पूर्व ड्यूक और शांग गाओ के बीच एक लिखित संवाद और पाइथागोरस प्रमेय भी संलग्न था.
- इस पुस्तक में पाइथागोरस प्रमेय [26] के लिए सचित्र प्रमाण प्रस्तुत किये गए थे, साथ ही समकोण त्रिभुज के गुणों पर झाऊ के पूर्व ड्यूक और शांग गाओ के बीच एक लिखित संवाद और पाइथागोरस प्रमेय भी संलग्न था.
- सू ० १-४ ८) शुल्ब सूत्रों में पाइथागोरस प्रमेय का वर्णन तो है किन्तु उसकी व्युत्पत्ति तथा सद्धि करके न ही दिखाया गया है जब कि यूक्लिड एलिमेंट में इसे सिद्ध करके बताया गया है ।