पारसमणि प्रधान वाक्य
उच्चारण: [ paaresmeni perdhaan ]
उदाहरण वाक्य
- 1919 में पारसमणि प्रधान मैट्रिक परीक्षा के लिए नेपाली और संस्कृत भाषा पढ़ाने वाले प्रथम शिक्षक नियुक्त होने के पश्चात नेपाली व्याकरण की आवश्यकता महसूस की गई।
- इसी प्रेस से जनवरी 1918 से चन्द्रिका नामक नेपाली साहित्यिक मासिक पत्रिका का प्रकाशन शुरू हुआ जिसके सम्पादक, प्रकाशक, मुद्रक, लेखक और व्यलस्थापक पारसमणि प्रधान ही थे।
- भारत में नेपालियों के सबसे बड़े गढ़ माने जाने वाले दार्जिलिंग में नेपाली भाषा के प्रचार और भाषागत ज्ञान देने का श्रेय व्याकरणवेत्ता और कोश लेखक पारसमणि प्रधान को जाता है।
- इस आधार पर हम यदि महावीर प्रसाद द्विवेदी एवं पारसमणि प्रधान का जब मूल्यांकन करते हैं, तो इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि दोनों महान साहित्यकारों ने अपने-अपने युग विशेष का प्रतिनिधित्व किया है।
- पारसमणि प्रधान (जन्म 1 सितम्बर, 1898-निधन 2 जनवरी 1986) ने 1917 में मैट्रिक पास की और कर्सियांग में जीविका के लिए 1 सितम्बर 1917 को हरि प्रिंटिंग प्रेस के मैनेजर नियुक्त हुए।
- डा. पारसमणि प्रधान और उनके सहयोगियों ने लगातार तीन वर्षों तक संघर्ष करके 24 जुलाई 1918 में प्रवेशिका, आई. ए. और बी. ए. परीक्षा में वर्नाकुलर के रूप में नेपाली भाषा की मान्यता दिलवायी।
- ' दार्जिलिङ में नेपाली भाषा, साहित्य, शिक्षा और समाज की प्रगति में गंगाप्रसाद प्रधान, धरणीधर शर्मा, सूर्यविक्रम ज्ञवाली और पारसमणि प्रधान का जो योगदान है, उतना ही योगदान सिक्किम में रश्मिप्रसाद आले का है।
- इसके बाद नेपाली विषय को पढ़ाने के लिए कालिम्पोंग की स्काटिश युनिवर्सिटीज मिशन इन्स्टीट्यूशनल के हेडमास्टर डॉ. सदरलैंड ने 16 जनवरी, 1919 को पारसमणि प्रधान को मैट्रिक तक नेपाली और संस्कृत विषय पढ़ाने के लिए प्रथम शिक्षक नियुक्त किया ।
- नेपाल में उस दौरान कवि शिरोमणि लेखनाथ, बालकृष्ण सम, लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा, सिद्धिचरण श्रेष्ठ प्रभृत्ति अनेक प्रतिभाशाली व्यक्ति साहित्याकाश में चमक रहे थे तो दार्जिलिङ में धरणीधर, सूर्यविक्रम ज्ञवाली, पारसमणि प्रधान, रूपनारायण सिंह, अ च्छा राई रसिक, रामकृष्ण शर्मा प्रभृत्ति साहित्यकार सक्रिय थे।