प्रस्थानत्रयी वाक्य
उच्चारण: [ persethaanetreyi ]
उदाहरण वाक्य
- और इस पर श्री अनुराग शर्मा (स्मार्ट इण्डियन) ने प्रस्थानत्रयी से उसके समकक्ष सूत्र निकाल कर रखा (यह भग्वद्गीता का अन्तिम श्लोक है):
- ानस पर हिन्दी टीका, अष्टाध्यायी पर काव्यात्मक संस्कृत टीका, और प्रस्थानत्रयी (ब्रह्मसूत्र, भगवद्गीता और प्रधान उपनिषदों) पर संस्कृत भाष्य सम्मिलित हैं।
- “हरिद्वार से आये आचार्य चंद्र दत्त सुवेदी ने कहा कि प्रस्थानत्रयी पर सबसे पहले भाष्य आचार्य शंकर ने लिखा और अब वल्लभाचार्य के छह सौ
- “हरिद्वार से आये आचार्य चंद्र दत्त सुवेदी ने कहा कि प्रस्थानत्रयी पर सबसे पहले भाष्य आचार्य शंकर ने लिखा और अब वल्लभाचार्य के छह सौ
- भगवत्पाद श्री शंकराचार्य ने प्रस्थानत्रयी के भाष्य के अतिरिक्त ऐसे बहुत से ग्रन्थों का प्रणयन किया जिन्हें औपनिषद अवान्तर वाक्यों की कोटि में रखा जा सकता है।
- वैदिक धर्म के मौलिक सिद्धान्तों को तीन प्रमुख ग्रन्थ प्रमाणित करते हैं जो प्रस्थानत्रयी के नाम से विख्यात हैं, ये हैं-उपनिषद्, ब्रह्मसूत्र और श्रीमद्भगवद्गीता ।
- भगवत्पाद श्री शंकराचार्य ने प्रस्थानत्रयी के भाष्य के अतिरिक्त ऐसे बहुत से ग्रन्थों का प्रणयन किया जिन्हें औपनिषद अवान्तर वाक्यों की कोटि में रखा जा सकता है।
- वैदिक धर्म के मौलिक सिद्धान्तों को तीन प्रमुख ग्रन्थ प्रमाणित करते हैं जो प्रस्थानत्रयी के नाम से विख्यात हैं, ये हैं-उपनिषद्, ब्रह्मसूत्र और श्रीमद्भगवद्गीता ।
- जिस तरह वेदान्त दर्शन की प्रस्थानत्रयी में गीता का इतना महत्त्व है कि प्राय: सभी आचार्यों ने इस पर भाष्य रचे और अपने मत को गीतानुसार बताने का प्रयास किया।
- अभिगमन तिथि: जुलाई १२, २०११. “हरिद्वार से आये आचार्य चंद्र दत्त सुवेदी ने कहा कि प्रस्थानत्रयी पर सबसे पहले भाष्य आचार्य शंकर ने लिखा और अब वल्लभाचार्य के छह सौ