प्रेम बंधन वाक्य
उच्चारण: [ perem bendhen ]
उदाहरण वाक्य
- “एक प्रेम बंधन में बंध-आना बारम्बार सपनों का, जीवन के नितांत उपास्य क्षणों में-छलकर जाना सपनों का, अपने सपनों के छल से परे, और कोई नहीं है इतिहास मेरा.”
- एक जरुरी बात कि बcपन से बड़े होने तक अभिभावक, धर्म, शिक्षा इत्यादि हमें प्रेम के लिए प्रेरित किया करते है पर क्या यह प्रेम बंधन में किया जाएगा उनके बताये अनुसार... http://pratipakshi.blogspot.com/2010/05/blog-post_07.html
- प्रलय की रात में सोचे प्रणय की बात क्या कोई, मगर पड़ प्रेम बंधन में समझ किसने नहीं खोई,किसी के पथ में पलकें बिछाए कौन बैठा है?अँधेरी रात में दीपक जलाए कौन बैठा है?
- इनमें से दो में से तुमने अगर एक को साधा, अगर तुम प्रेम में पड़ गये, जैसे कि कोई साधारण जगत के प्रेम में पड़ जाता है, तो प्रेम बंधन हो जाता है।
- एक जरुरी बात कि बcपन से बड़े होने तक अभिभावक, धर्म, शिक्षा इत्यादि हमें प्रेम के लिए प्रेरित किया करते है पर क्या यह प्रेम बंधन में किया जाएगा उनके बताये अनुसा र... http://pratipakshi.blogspot.com/2010/05/blog-post_07.html
- फिर पति-पत्नी द्वारा एक-दूसरे के लिए कुछ करने से एक-दूसरे के प्रति समर्पण व त्याग की भावना विकसित होती है, जो इन संबंधों में प्रेम व विश्वास को द्विगुणित कर प्रेम बंधन को नई ऊर्जा से भर देती है।
- लेख सार: भक्तिमार्ग पर चलकर हम इतना भक्तिबल विकसित कर सकते हैं जो प्रभु को प्रेम बंधन में बांध देता है | सच्चा ऐश्वर्य, सच्ची संपदा, सच्चा वैभव मात्र और मात्र प्रभुभक्ति में ही है | पूरा लेख नीचे पढ़े-
- १ ९ ३ ७ के आते आते अमीरबाई ने कई फ़िल्मों में अभिनय व गायन कर ली, जिनमें शामिल थे ' भारत की बेटी ', ' यासमीन ', ' फ़िदा-ए-वतन ', ' प्रतिमा ', ' प्रेम बंधन ', ' दुखियारी ', ' जेन्टलमैन डाकू ', और ' ईंसाफ़ ' ।
- मगर अपने लंबे वैवाहिक जीवन में आई परेशानीयों और अभावों के बावजूद सकारात्मक स्नेह और प्रेम बंधन के भीगे भीगे फ़ेविकोल के जोड़ का जो अहसास हमें हुआ, वह काफ़ी था आगे के कुछ और साल हाथ में हाथ डाले रिश्तों के झूले में पवन की बहार तले झूलते,जीवन के यथार्थ के थपेडे सहते हुए हंसी खुशी हसीन पल गुज़ारने के लिये.
- मगर अपने लंबे वैवाहिक जीवन में आई परेशानीयों और अभावों के बावजूद सकारात्मक स्नेह और प्रेम बंधन के भीगे भीगे फ़ेविकोल के जोड़ का जो अहसास हमें हुआ, वह काफ़ी था आगे के कुछ और साल हाथ में हाथ डाले रिश्तों के झूले में पवन की बहार तले झूलते, जीवन के यथार्थ के थपेडे सहते हुए हंसी खुशी हसीन पल गुज़ारने के लिये.