फिल्लौरी वाक्य
उच्चारण: [ filelauri ]
उदाहरण वाक्य
- मन्दिरों से लेकर घरों तक के वातावरण को श्रद्धामयी बनाने वाली इस आरती के रचयिता कौन हैं? क्या आप उनका नाम जानते हैं? नहीं ना लेकिन उनका नाम हमारे शहर की डॉ. राजबाला ने अपने पीएचडी के शोधपत्र में ढूँढ निकला है, उनका नाम है-पंडित श्रद्धा राम फिल्लौरी ।
- अठारह वर्ष न्यूनतम आयु का प्रावधान शारदा ऐक्ट १ ८ ५ ६ ई. के बाद ही सम्भव हो पाया था जबकि ' भाग्यवती ‘ में श्रद्धाराम फिल्लौरी पं. उमादत्त के जरिये लड़के और लड़की के विवाह की न्यूनतम आयु क्रमशः ग्यारह और अठारह का संदेश देकर वक्त से थोड़ा आगे चलने का संकेत देते हैं।
- विभिन्न रस्मो-रिवाजों से लेकर पर्वों-त्योहारों व आज़ादी की हलचलों को स्वर प्रदान करते अनगिनत लोकगीतों के साथ-साथ इस काल में कथावाचक श्रद्धाराम फिल्लौरी द्वारा रचित बहु-प्रचलित आरती ‘ ॐ जय जगदीश हरे … ' भी इस कथन का सशक्त उदाहरण है जिसके रचयिता का नाम अधिकतर लोग नहीं जानते और न ही जानने के प्रति जिज्ञासु हैं।।
- यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि हिन्दी के इतिहासकारों के अग्रणी आचार्य रामचन्द्र शुक्ल तक ने इसकी उपेक्षा करके पंडित श्रद्धाराम फिल्लौरी की ‘भाग्यवती‘ (प्रकाशन-वर्ष सन् 1877) लाला श्रीनिवासदास की ‘परीक्षा गुरु‘ (प्रकाशन-वर्ष सन् 1882) नामक पुस्तकों को अपने ‘हिंदी साहित्य की इतिहास‘ नामक ग्रन्थ में क्रमशः ‘हिन्दी का पहला सामाजिक उपन्यास' और ‘अंग्रेजी ढंग का पहला हिन्दी उपन्यास‘
- यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि हिन्दी के इतिहासकारों के अग्रणी आचार्य रामचन्द्र शुक्ल तक ने इसकी उपेक्षा करके पंडित श्रद्धाराम फिल्लौरी की ‘भाग्यवती ‘ (प्रकाशन-वर्ष सन् 1877) लाला श्रीनिवासदास की ‘परीक्षा गुरु ‘ (प्रकाशन-वर्ष सन् 1882) नामक पुस्तकों को अपने ‘हिंदी साहित्य की इतिहास‘ नामक ग्रन्थ में क्रमशः ‘हिन्दी का पहला सामाजिक उपन्यास' और ‘अंग्रेजी ढंग का पहला हिन्दी उपन्यास‘