बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय वाक्य
उच्चारण: [ benkimechender chettopaadheyaay ]
उदाहरण वाक्य
- इतिहास गवाह है कि रवींद्रनाथ टैगोर ने बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित राष्ट्र-गीत ‘ वन्दे मातरम ‘ की धुन तैयार की और स्वयं 1896 के कांग्रेस अधिवेशन में इसे पहली बार गाया।
- श्री बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित दो शब्ग; जिन्होंने अंग्रेजो की नींद उड़ा दी: आजादी से पूर्व, आजादी चाहने वाले भारत के बच्चे-बच्चे के होठों पर एक ही मंत्र था 'वंदे मातरम्'!
- आइए बताते हैं इस क्रांतिकारी, राष्ट्रभक्ति के अजर-अमर गीत के जन्म की कहानी-बंगाल के महान साहित्यकार श्री बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के ख्यात उपन्यास 'आनंदमठ' में वंदे मातरम् का समावेश किया गया था।
- १ ७७ ० इ. स. में बंगाल में पड़ा भयंकर अकाल की पृष्ठभूमि में ऊपजा संन्यासी विद्रोह, महान उपन्यासकार बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय की कालजयी कृति ' आनंदमठ ' और वंदे-मातरम् का प्रेरणास्त्रोत रहा है।
- आइए बताते हैं इस क्रांतिकार ी, राष्ट्रभक्ति के अजर-अमर गीत के जन्म की कहानी-बंगाली के महान साहित्यकार श्री बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के ख्यात उपन्यास 'आनंदम ठ' में वंदे मातरम् का समावेश किया गया था।
- आइए बताते हैं इस क्रांतिकार ी, राष्ट्रभक्ति के अजर-अमर गीत के जन्म की कहानी-बंगाली के महान साहित्यकार श्री बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के ख्यात उपन्यास 'आनंदम ठ' में वंदे मातरम् का समावेश किया गया था।
- समय-समय पर अमिताभ बच्चन जैसी हस्तियां भी सूखे की स्थिति से आक्रांत किसी गांव को अपनाकर अपने महान व्यक्तित्व का परिचय दे देती है किंतु हर गांव उतना भाग्यशाली तो नहीं! 1770 इ•स• में बंगाल में पड़ा भयंकर अकाल की पृष्ठभूमि में ऊपजा संन्यासी विद्रोह, महान उपन्यासकार बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय की कालजयी कृति 'आनंदमठ' और वंदे-मातरम् का प्रेरणास्त्रोत रहा है।
- ‘ नावेल ' ने तो भारतीय उपन्यास के विकासक्रम में उल्टे बाधा डाली. ” '' वे मानते हैं कि इस लोकधर्मी परंपरा के सूत्र और भी पहले बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के रोमांसधर्मी उपन्यासों में मिलते हैं क्योंकि इस प्रथम भारतीय उपन्यासकार के लेखन में भारतीय लोक अपनी पूरी विशिष्टता के साथ विद्यमान है. डॉ. नामवर सिंह जब इस लोक अथवा ग्रामीण जीवन को अपनी आलोचना का प्रतिमान बनाते हैं तो वे हिंदी आलोचना का भारतीय प्रतिदर्श गढ़ रहे होते हैं.