बारिन घोष वाक्य
उच्चारण: [ baarin ghos ]
उदाहरण वाक्य
- मुख्य न्यायाधीश बारिन घोष की अध्यक्षता में बने उच्च न्यायालय के दो न्यायाधीशों की खंडपीठ ने इस मामले में अपना जो आदेश दिया उसमें अदालत की नाराजगी तो दिखती ही है, पूरी कहानी भी साफ हो जाती है.
- नैनीताल | मुख्य न्यायाधीश बारिन घोष व न्यायमूर्ति वीके बिष्ट की खंडपीठ ने आइपीएस अधिकारी राकेश मित्तल की पदोन्नति के लिए डीपीसी में विलंब को लेकर सरकार पर 50 हजार जुर्माना लगाते हुए उनकी डीपीसी पर पुनर्विचार के निर्देश दिए हैं।
- हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बारिन घोष व न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की खंडपीठ ने पालिका से अदालत में पुन: विस्तृत शपथ पत्र पेश करने को कहा और इसके साथ ही आगामी आदेशों तक नगरपालिका के वित्तीय क्रियाकलापों पर रोक लगा दी।
- मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बारिन घोष व न्यायमूर्ति सवेर्श कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद होम्योपैथिक विभाग के निदेशक डॉ. जेके लखेड़ा को दस्ती नोटिस जारी करते हुए नोटिस तामिली करने के तुरंत बाद मामले की सुनवाई के लिए रख लिया है।
- 26 फरवरी 2011 को उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बारिन घोष तथा न्यायमूर्ति बी. के. बिष्ट की खण्डपीठ द्वारा मामले की सुनवाई की गई, जिसमें पक्षकार के अधिवक्ता सिद्धार्थ साह एवं केन्द्र सरकार की स्थाई अधिवक्ता श्रीमती अंजली भार्गव द्वारा मामले में बहस की गई।
- याचिका वैसे बालकृष्ण की ओर से गुरुवार को न्यायमूर्ति पीसी पंत की अदालत में एक याचिका पेश की गई थी लेकिन उन्होंने इस मामले की सुनावाई करने से इनकार कर दिया था और इस मामले को मुख्य न्यायाधीश बारिन घोष के पास भेज दिया था.
- 30 अप्रैल, 1908 को खुदीराम बोस और प्रफ्फुल चंकी ने किंग्स्फोर्ड की हत्या का प्रयास किया जिसके फलस्वरूप पुलिस ने बहुत तेजी से क्रांतिकारियों की धर-पकड़ शुरू कर दी और दुर्भाग्य से 2-मई-1908 को श्री बारिन घोष को भी उनके कई साथियों सहित गिरफ्तार कर लिया गया।
- 30 अप्रैल, 1908 को खुदीराम बोस और प्रफ्फुल चंकी ने किंग्स्फोर्ड की हत्या का प्रयास किया जिसके फलस्वरूप पुलिस ने बहुत तेजी से क्रांतिकारियों की धर-पकड़ शुरू कर दी और दुर्भाग्य से 2-मई-1908 को श्री बारिन घोष को भी उनके कई साथियों सहित गिरफ्तार कर लिया गया।
- 26 फरवरी 2011 को उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बारिन घोष तथा न्यायमूर्ति बी. के. बिष्ट की खण्डपीठ द्वारा मामले की सुनवाई की गई, जिसमें पक्षकार के अधिवक्ता सिद्धार्थ साह एवं केन्द्र सरकार की स्थाई अधिवक्ता श्रीमती अंजली भार्गव द्वारा मामले में बहस की गई।
- 30-अप्रैल-1908 को खुदीराम बोस और प्रफ्फुल चंकी ने किंग्स्फोर्ड की हत्या का प्रयास किया जिसके फलस्वरूप पुलिस ने बहुत तेजी से क्रांतिकारियों की धर-पकड़ शुरू कर दी और दुर्भाग्य से 2-मई-1908 को श्री बारिन घोष को भी उनके कई साथियों सहित गिरफ्तार कर लिया गया!