बालिका बधू वाक्य
उच्चारण: [ baalikaa bedhu ]
उदाहरण वाक्य
- यहां पर एक तो कलर्स चैनल की खुद की गड़बड़ी है कि आनंदी बालिका बधू है, दिन-रात मांस्सा के ताने और उपेक्षा झेलती हुई जिंदगी, लेकिन उसके चेहरे पर कभी भी शिकन नहीं दिखाया।
- आप जब उतरन और बालिका बधू के बाद बेबो में नायिका बनीं थी तो आपने कहा था कि आप कभी बड़ी नहीं होना चाहती पर अफसर बिटिया में तो आप सबके कान काटने की तैयारी कर रही हैं?
- अनपढ बालिका बधू और बाल विवाह मेरी सहेली स्वाति कभी कभी टीवी धारावाहिक देख लेती है, पर उस की ५ साल की बेटी शायद ही कभी अपने निर्धारित धारावाहिक का कोई भाग छोड़ती है.आज कल उस का प्रिय सीरियल है 'बालिका बधू' ।
- अपने सास बहू के इस सीरियल को बचाने के लिए एकता कपूर ने तो एक बार फिर से न चाहते हुए तुलसी यानी स्मृति इरानी से हाथ मिला लिया था, लेकिन नन्ही नटखट बातूनी वकीलों की तरह बात बात पर सवाल करने वाली बालिका बधू के आगे इसकी एक नहीं चली.
- पे आवश्यकता है बालिका बधू की के माध्यम से लोगे से यदि उनकी ६ साल तक की बिटिया हो तो अपने बेटे से विवाह के लिए अपील किया हु तब से मेरे जानने वाले मुझे फ़ोन कर यही पुछ रहे है की तुम पागल हो गए हो या भरी जवानी में सठिया गए हो ।
- सालों साल बालिका बधू बंदिनी जैसे सीरियल देखने के बाद दर्शक अपने को ठगा पाता है मुद्दे की संजीदगी को जब धूमिल पाता है अंत में चैनेल बदल देता है जहाँ दूसरे महोदय भी बैठे है लगाये अपनी संवेदनाओ की दुकान संतुष्टि की तलाश में प्रतिज्ञा की ओर भागता दर्शक तलाशता वहां अपना मुकाम पर अफ़सोस वहां भी वह महीनो ठगा जाता है तब कुछ कुछ समझ पाता है
- मै टी वी धारावाहिकों पर रीसर्च कर रही हूँ सो ये रिश्ता की “ अक्षरा ” हो या बालिका बधू की “ आनंदी ” दोनों के पति नादान, बच्चे ही हैं जबकि उम्र मे उनसे बड़े हैं और उनका ख्याल रखना, उनको सही समय से खाना पानी देना और उनकी गलतियों के लिये निरंतर उनके बड़ो से आक्षेप सुनना की “ वो तो नादान हैं तुमको तो समझ रखनी चाहिये । ”
- टी वी पर बालिका बधू धारावाहिक पर इसीलिये आपत्ति हुई की वो बालिका विवाह के खिलाफ नहीं दिखा रहे थे अपितु उसको जस्टिफाई करते दिख रहे थे लड़कियों का शोषण तब बंद होगा जब हम वो दिखाना बंद करेगे जितना जितना रेप / बलात्कार सिनेमा और टी वी में दिखाया जाता हैं उस से लड़कियों में डर बढ़ता हैं उनके अभिभावकों में डर बढ़ता हैं जबकि होना चाहिये था की बलात्कार करने वाले को डर ना चाहिये था लेकिन सन्देश क्या गया लड़की को डरना हैं तो बलात्कार करो
- मै टी वी धारावाहिकों पर रीसर्च कर रही हूँ सो ये रिश्ता की “अक्षरा” हो या बालिका बधू की “आनंदी” दोनों के पति नादान, बच्चे ही हैं जबकि उम्र मे उनसे बड़े हैं और उनका ख्याल रखना, उनको सही समय से खाना पानी देना और उनकी गलतियों के लिये निरंतर उनके बड़ो से आक्षेप सुनना की “वो तो नादान हैं तुमको तो समझ रखनी चाहिये । ”बस.......विचार शून्य जी और रचना जी की पोस्ट से इस पोस्ट को लिखने की बात मन मे आयी इस लिये उनका नाम दिया हैं