बृज भाषा वाक्य
उच्चारण: [ berij bhaasaa ]
उदाहरण वाक्य
- यह बेहद दुखद और आश्चर्यजनक है कि संविधान हिंदी की अभिवृध्दि के लिए हिंदी रूपों वाली लोकबोलियों जैसे बृज भाषा, अवधी, बैसवारी, मैथिल, भोजपुरी, मालवी, निमाड़ी, बुन्देलखंडी, बघेलखंडी, हरियाणवी आदि पर निर्भर नहीं रहना चाहता।
- अगर अवधी, बृज भाषा, मगधी, भोजपुरी, राजस्थानी, खड़ी बोली आदि उसके अवयव हैं, और अगर वह संस्कृत से उद्भूत है, तो वह सदियों की यात्रा के बाद, न जाने कितनी धाराओं को समेटते हुए अपने वर्तमान तक पहुँची है।
- चम्बल क्षेत्र बृज मंडल से लगा हुआ है, इस कारण यहां बृज भाषा से मिलती जुलती भाषा प्रचलित है, लेकिन भदावर, तंवरघार और सिकरवारी यानि भदौरिया,तोमर और सिखरवार राजाओं के द्वारा शासित रहे इस क्षेत्र की बोली में अपने कुछ शब्द और कुछ शैलियां सम्मिलित हो गई हैं।
- और खुसरो की इसी खड़ीबोली ने आज की आधुनिक हिंदी का रूप धारण कर लिया परन्तु आज की हिंदी की एक मुख्या विशेषता यह है कि इसमें बृज मंडल की बृज भाषा भी है और अवधी भाषा भी. राजस्थानी हिंदी भी है तो हरयाणवी भी. मेवाती भी है तो मेवाड़ी भी.
- देश के दूर-दराज से आने वाले सैलानियोंमें से एक मुंबई के रत्नाकर का कहना है, मैंने और मेरे परिवार ने बीते शुक्रवार जैसा नजारा पहले कभी नहीं देखा जब बरसाना और नंदगांवके पुरुष और महिलाएं आपस में लडते और नाचते हुए होली खेल रहे थे और इस दौरान पूरे समय बृज भाषा में होली के गीत गूंजते रहे।